आतंकवाद के खिलाफ भारत और जापान का सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ पूरा

नई दिल्ली। जापान के ईस्ट फूजी प्रशिक्षण क्षेत्र में आयोजित भारत और जापान का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ पूरा हो गया है। यह अभ्यास शहरी इलाकों में आतंकवाद-रोधी संचालन पर केंद्रित रहा। आतंकवाद-रोधी अभ्यास दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
यह अभ्यास द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है क्योंकि इसे कंपनी स्तर के सैनिकों की भागीदारी के साथ विस्तृत पैमाने पर आयोजित किया गया। 24 फरवरी से 9 मार्च तक चला अभ्यास भारत-जापान संयुक्त सैन्य अभ्यास का छठा संस्करण था। समापन समारोह में जापान के ग्राउंड सेल्फ-डिफेंस फोर्स की प्रथम डिवीजन के कमांडिंग जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल तोरियुमी सेइजी उपस्थित रहे।
उन्होंने अभ्यास में भाग लेने वाले सैनिकों को उनके द्वारा निर्धारित सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सराहा। जनरल तोरियुमी ने संयुक्त प्रशिक्षण पर संतुष्टि व्यक्त की, जिससे दोनों सशस्त्र बलों की परिचालन तत्परता और भारत-जापान रक्षा संबंधों को और मजबूती मिली। उन्होंने इस अभ्यास की भूमिका पर जोर दिया, जो दोनों देशों के रक्षा बलों के बीच सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा देता है।
यह संयुक्त अभ्यास मुख्य रूप से शहरी इलाकों में आतंकवाद-रोधी संचालन पर केंद्रित था। इसके अतिरिक्त इस अभ्यास में संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षा संचालन के तहत मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रशिक्षण किए गए हैं। भारत और जापान के सैनिकों ने सामरिक अभ्यास किए, संचालन की विधियों पर ज्ञान और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान किया और मित्रता एवं विश्वास के स्थायी संबंध बनाए।
अभ्यास के दौरान दोनों पक्षों के सैनिकों ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान गतिविधियों में भी भाग लिया। भारतीय दल ने जापानी पक्ष के लिए एक विशेष योग सत्र का आयोजन किया। भारतीय सैनिकों ने कलारी पट्टू और जापानी सैनिकों ने मार्शल आर्ट्स का प्रदर्शन किया। अभ्यास का समापन 72 घंटे के सत्यापन चरण के साथ हुआ, जिसमें दोनों देशों के सैनिकों ने एक संयुक्त आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
यह ऑपरेशन विशेष तकनीकों जैसे हेलीकॉप्टर द्वारा सैनिकों की घुसपैठ, स्लिथरिंग और तूफानी हमलों पर आधारित था। सैनिकों ने निर्धारित परिचालन मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया। अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ ने दोनों पक्षों को संयुक्त संचालन करने के सर्वोत्तम अभ्यासों से एक-दूसरे से सीखने का अनूठा अवसर प्रदान किया।
इस अभ्यास ने भारत और जापान के बीच क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति साझा प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की और दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को और मजबूत किया।