International Women’s Day पर कंगना रनौत ने ‘शक्ति’ का किया जिक्र, क्या राहुल गांधी के पुराने बयान से है कनेक्शन?

कंगना रनौत ने Women’s Day 2025 पर ‘शक्ति’ का जिक्र किया, जिससे राहुल गांधी के मार्च 2024 के विवादित बयान की यादें ताजा हो गई हैं. क्या दोनों बयानों में कोई कनेक्शन है? चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

International Women’s Day 2025 के मौके पर कंगना रनौत ने महिलाओं की ताकत और आत्मनिर्भरता को लेकर एक प्रेरणादायक संदेश दिया. उन्होंने कहा कि हर महिला के अंदर एक ‘शक्ति’ छिपी हुई है, जिसे पहचानने और सही तरीके से इस्तेमाल करने की जरूरत है. कंगना का यह बयान अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनता जा रहा है, क्योंकि इससे ठीक एक साल पहले राहुल गांधी ने मार्च 2024 में ‘शक्ति’ को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी, जिस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें जमकर निशाना साधा था.

राहुल गांधी की ‘शक्ति’ वाली टिप्पणी पर मचा था घमासान

मार्च 2024 में राहुल गांधी ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मैं एक शक्ति से लड़ रहा हूं, जिसने भारत की आवाज, उसकी संस्थाओं, संवैधानिक ढांचे और उद्योग जगत को अपने कब्जे में ले लिया है.’

उनकी इस टिप्पणी पर बीजेपी ने तुरंत पलटवार किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी थी.  पीएम मोदी ने कहा था कि, ‘राहुल गांधी की लड़ाई शक्ति के खिलाफ है, लेकिन मेरे लिए हर बेटी शक्ति का रूप है और मैं अपनी माताओं-बहनों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं.’

इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी बहस छिड़ गई थी. राहुल गांधी ने सफाई देते हुए कहा था कि उनका बयान महिलाओं के खिलाफ नहीं था, बल्कि वह भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को नियंत्रित करने वाली ताकतों के खिलाफ बोले थे.

अब कंगना रनौत ने भी ‘शक्ति’ पर दिया बयान

अब जब International Women’s Day 2025 के मौके पर कंगना रनौत ने भी ‘शक्ति’ का जिक्र किया, तो कई राजनीतिक विश्लेषक इसे राहुल गांधी के पुराने बयान से जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि, कंगना रनौत ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि उनका इशारा महिलाओं की ताकत की ओर था, लेकिन क्या यह सिर्फ एक संयोग है कि ‘शक्ति’ शब्द फिर से सुर्खियों में आ गया?

कंगना रनौत ने कहा, ‘हर महिला के अंदर एक शक्ति छिपी हुई है, जिसे उसे खुद खोजना और जगाना है. जब एक महिला अपनी असली ताकत को पहचान लेती है, तो वह कुछ भी हासिल कर सकती है.’

कंगना के इस बयान को बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं द्वारा अलग-अलग नजरिए से देखा जा सकता है. जहां बीजेपी इसे महिलाओं के सशक्तिकरण का समर्थन मान सकती है, वहीं कांग्रेस इसे राहुल गांधी के पुराने बयान से जोड़कर एक नए राजनीतिक मुद्दे के रूप में उठा सकती है.

राजनीतिक बहस फिर होगी तेज?

पिछले साल के विवाद को देखते हुए, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी या कांग्रेस इस मुद्दे को दोबारा हवा देने की कोशिश करती हैं. क्या राहुल गांधी International Women’s Day के मौके पर एक नया बयान देकर अपनी ‘शक्ति’ टिप्पणी को और स्पष्ट करेंगे? या फिर बीजेपी इस मौके को कांग्रेस पर हमला करने के लिए इस्तेमाल करेगी?

फिलहाल, ‘शक्ति’ पर जारी यह बहस 2024 में भी चर्चा में थी और अब 2025 में भी यह सुर्खियां बटोर रही है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और क्या राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं.

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