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अश्विनी वैष्णव ने मार्क जुकरबर्ग को कैसे और क्यों दिया जवाब, जानिए पूरा मामला

बीएस राय: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सीईओ मार्क जुकरबर्ग के एक हालिया दावे को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए खारिज कर दिया है। जुकरबर्ग ने दावा किया था कि भारत समेत कई देशों की सत्तारूढ़ सरकारें कोविड के बाद 2024 का चुनाव हार गईं।

इस पर वैष्णव ने कहा कि मेटा जैसे बड़े प्लेटफॉर्म से इस तरह की गलत सूचना फैलाना बेहद निराशाजनक है और इससे प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता प्रभावित हो सकती है। वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जुकरबर्ग के दावे पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा कि भारत में होने वाले 2024 के चुनावों में 640 मिलियन से अधिक मतदाताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार में अपना विश्वास जताया, जो भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और भारतीय लोगों के विश्वास का प्रतीक है। कोविड महामारी में भारत की मदद वैष्णव ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड महामारी के दौरान 800 मिलियन से अधिक लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया, 2.2 बिलियन मुफ्त टीकाकरण खुराक वितरित की और न केवल भारत बल्कि अन्य देशों की भी मदद की।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने वैश्विक संकट के बावजूद अपनी नीतियों और प्रबंधन से देश की आर्थिक स्थिति को सुधारा। इन प्रयासों से भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी पहचान बनाई। वैष्णव के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के निर्णायक तीसरे कार्यकाल की जीत इस बात का उदाहरण है कि जनता ने किस तरह कुशल प्रशासन और नीतियों पर भरोसा जताया।

वैष्णव ने मेटा और अन्य बड़े प्लेटफॉर्म से अपने डेटा और तथ्यों की सटीकता पर विशेष ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी है कि वे विश्वसनीय जानकारी फैलाएं और झूठे और झूठे आरोपों को बढ़ावा न दें। मंत्री ने मेटा से अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने और सामाजिक जिम्मेदारी का पालन करने का भी आग्रह किया, ताकि उपयोगकर्ताओं को सही जानकारी मिल सके।

मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कोविड के बाद के कठिन समय में अपनी नीतियों और कुशल प्रशासन से लोगों का विश्वास जीता। यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रशासनिक सफलता का प्रतीक है। वैष्णव ने इसे इस बात का संकेत माना कि भारतीय जनता ने सरकार के प्रयासों की सराहना की और उसे एक बार फिर सत्ता में चुना।

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