चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारत के चाय निर्यात में तेजी, दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज

नई दिल्ली। चाय बोर्ड के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान भारत का चाय निर्यात मूल्य के हिसाब से 13.18 प्रतिशत बढ़कर 3,403.64 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 3,007.19 करोड़ रुपये था।

मात्रा के हिसाब से, इस अवधि के दौरान चाय का निर्यात 8.67 प्रतिशत बढ़कर 122.55 मिलियन किलोग्राम हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 112.77 मिलियन किलोग्राम था।

भारत दुनिया भर के 25 से अधिक देशों को चाय का निर्यात करता है। यूएई, इराक, ईरान, रूस, अमेरिका और यूके भारत से चाय के प्रमुख आयातक हैं।

2023-2024 के दौरान यूएई, इराक और अमेरिका ने भारत से क्रमशः 131.18 मिलियन अमेरिकी डॉलर, 88.54 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 77.62 मिलियन अमेरिकी डॉलर की चाय का आयात किया।

भारत दुनिया के शीर्ष पांच चाय निर्यातकों में से एक है, जो कुल निर्यात का लगभग 10 प्रतिशत है।

भारत की असम, दार्जिलिंग और नीलगिरी चाय दुनिया की सबसे बेहतरीन चाय में से एक मानी जाती है। भारत से निर्यात की जाने वाली अधिकांश चाय ब्लैक टी है, जो कुल निर्यात का लगभग 96 प्रतिशत है।

भारत के माध्यम से निर्यात की जाने वाली चाय के प्रकार में ब्लैक टी, रेगुलर टी, ग्रीन टी, हर्बल टी, मसाला टी और लेमन टी शामिल है।

इनमें से, ब्लैट टी, रेगुलर टी और ग्रीन टी भारत से निर्यात की जाने वाली कुल चाय का लगभग 80 प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 3.5 प्रतिशत है।

2023-24 के दौरान भारत का कुल चाय निर्यात मात्रा में 250.73 मिलियन किलोग्राम था और इसका मूल्य 776 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।

भारत ने उत्पादन को बढ़ावा देने, भारतीय चाय के लिए एक विशिष्ट ब्रांड बनाने और चाय उद्योग से जुड़े परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

छोटे चाय उत्पादक उभरता हुआ क्षेत्र है, जो कुल उत्पादन में लगभग 52 प्रतिशत का योगदान करते हैं। वर्तमान में सप्लाई चेन में लगभग 2.30 लाख छोटे चाय उत्पादक मौजूद हैं।

भारत सरकार ने चाय बोर्ड के माध्यम से 352 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), 440 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और 17 किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) के गठन में मदद की है।

गुणवत्तापूर्ण तुड़ाई, क्षमता निर्माण और फसल प्रबंधन के लिए एसटीजी के साथ विभिन्न सेमिनार/बातचीत की जाती है।

इसके अलावा, प्रूनिंग मशीनों और मैकेनिकल हार्वेस्टर की खरीद के लिए भी सहायता प्रदान की गई है। उद्यमियों और बेरोजगार युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मिनी चाय फैक्ट्रियां भी स्थापित की गई हैं।

भारतीय चाय उद्योग में 1.16 मिलियन कर्मचारी प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं और इतने ही लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी इससे जुड़े हुए हैं।

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