FIR Against Rahul Gandhi: ’26 शिकायतें पहले ही हो चुकी हैं’, इसको सम्मान का मामला क्यों बता रही है? बीएस राय
अमित शाह के अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर संसद में जमकर हंगामा हुआ। इस झड़प में भाजपा के दो सांसद घायल हो गए। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगे और एफआईआर दर्ज की गई। कांग्रेस ने इसे सम्मान का मामला बताया। सीसीटीवी फुटेज मांगे जाने पर राजनीति गरमा गई। विवाद अभी तक सुलझ नहीं पाया है।
देश की सियासत में एक बार फिर उबाल आ गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान ने संसद से लेकर सड़क तक सियासी हंगामा मचा दिया है। इस विवाद ने एक बार फिर विपक्ष और सत्ता पक्ष को आमने-सामने ला दिया है। संसद में गुरुवार को हुए इस हंगामे के दौरान माहौल इतना गरमा गया कि नौबत हाथापाई तक आ गई।
17 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बाबा साहेब अंबेडकर पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया था। विपक्ष का कहना है कि शाह का बयान अंबेडकर की विरासत का अपमान है। इस बयान को लेकर पिछले दो दिनों से संसद में हंगामा हो रहा है।
संसद में गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान धक्का-मुक्की की घटनाएं सामने आईं। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा सांसदों को धक्का दिया, जिसमें प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए। दोनों सांसदों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।
राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर और कांग्रेस की प्रतिक्रिया हाथापाई के लिए राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसे कांग्रेस ने सम्मान का मामला बताया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसे भाजपा की ‘ध्यान भटकाने वाली चाल’ बताया।
उन्होंने कहा, ‘यह मामला अंबेडकर की विरासत की रक्षा के लिए राहुल गांधी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’ वेणुगोपाल ने यह भी दावा किया कि राहुल पर पहले से ही 26 एफआईआर दर्ज हैं और यह नया मामला उन्हें या कांग्रेस को भाजपा और आरएसएस के खिलाफ खड़े होने से नहीं रोक सकता।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पूरे मामले पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने संसद में लगे सीसीटीवी का हवाला देते हुए भाजपा पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। सुप्रिया ने चुनौती दी, “अगर राहुल गांधी ने धक्का दिया है तो सीसीटीवी फुटेज दिखाएं। सच्चाई अपने आप सामने आ जाएगी।”
भाजपा ने इस घटना को राहुल गांधी और विपक्ष की “हताशा” का नतीजा बताया। पार्टी का कहना है कि विपक्ष विकास और जनता के मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय सस्ती राजनीति कर रहा है। वहीं, कांग्रेस ने इस मामले को अंबेडकर की विरासत से जोड़कर बड़े आंदोलन का रूप देने की तैयारी कर ली है।
अमित शाह के बयान और उसके बाद के घटनाक्रम ने आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। यह विवाद भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता की लड़ाई को और तेज करेगा। दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी रणनीतियों से जनता तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेंगी।