यूपी में रूरल टूरिज्म बदलेगा 78 हजार ‘मंगल दलों’ की तकदीर

  1. गांव एवं गांव के युवक-युवतियों का बदलेगा भविष्य, ओडीओपी को मिलेगी पहचान
  2. पर्यटकों के गांव पहुंचने से छोटे किसान और व्यवसायियों को मिलेगा आर्थिक संबल

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश सरकार ने गांवों के साथ यहां के मंगल दलों से जुड़े युवक-युवतियों की तकदीर बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। ”रूरल टूरिज्म” इसका जरिया बनेगा। मंगल दलों से जुड़े युवक-युवती अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे और ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना को बढ़ावा भी मिलेगा।

इस प्रयास से एक साथ तीन लक्ष्य भेदने की तैयारी है। ग्रामीण युवक-युवतियों को रोजगार, स्थानीय उत्पादों को पहचान और पर्यटकों को गांवों तक पहुंचा कर निचले स्तर के लोगों को आर्थिक संबल देना भी लक्ष्य है। सरकार के इस प्रयास से गांव और गांव के युवक-युवतियों का भविष्य बदलेगा। योगी सरकार-1 की तरह योगी सरकार-2 ने भी पर्यटन पर विशेष जोर देते हुए इसका नए क्षेत्रों में विस्तार शुरू कर दिया है। इको एंड रूरल टूरिज्म बोर्ड का गठन और 75 गावों को पर्यटन विकास के लिए चिह्नित करने का प्रस्ताव इसी की कड़ी है।

उत्तर प्रदेश में लगभग 78 हजार युवक मंगल दल पंजीकृत हैं। इनमें लगभग 42 हजार युवक मंगल दल और 36 हजार महिला मंगल दल हैं। इन दलों में लाखों की संख्या में युवा-युवती जुड़े हैं। अब तक किसी भी सरकार ने इनके भविष्य को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं बनाई और न ही इनकी चिंता की, लेकिन अब योगी सरकार ने इनकी चिंता की है। इतना ही नहीं, एक जिला, एक उत्पाद के साथ गांवों को भी संबल देने की तैयारी शुरू कर दी है।

पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम का कहना है कि उत्तर प्रदेश और गावों की खुशहाली एक दूसरे के पूरक हैं। प्रदेश की करीब 70 फीसदी आबादी गांवों में रहती है और करीब एक लाख गांव भी हैं। इनमें से कई गांव ऐसे हैं जिनकी किसी खास उत्पाद या हुनर के नाते अपनी पहचान है। ऐसे गावों में रूरल, विलेज एवं एग्री टूरिज्म की बहुत संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार इस बाबत काम किया जा रहा है।

पर्यटन मित्र के रूप में होंगे प्रशिक्षित

महिला और युवक मंगल दलों ने अपने को समय-समय पर सिद्ध किया है। सरकारी योजनाओं- फिट इंडिया, नमामि गंगे, पौधरोपण, रक्तदान शिविर को ओरावन चढ़ाने की कोशिश हो अथवा वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान किये गए सामाजिक और जागरुकता के कार्य, सबमें इन दलों ने खुद को सिद्ध किया है। यही वजह है कि विभाग ने इन्हें पर्यटन मित्र के रूप में प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है।

बुनियादी सुविधाओं की जरूरत

विलेज एवं रूरल टूरिज़्म के लिए बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है, लेकिन केवल इनसे ही पर्यटन को पंख नहीं लग सकते। कुछ प्रशिक्षित लोगों की जरूरत भी होगी। ये ही जरूरत के अनुसार पर्यटकों की मदद कर सकते हैं। पर्यटन मित्र की भूमिका निभाने लिए ही सरकार ने युवक मंगल दल और महिला मंगल दल से जुड़े युवकों एवं युवतियों को तरजीह देने की योजना बनाई है। पर्यटन मित्र के रूप में प्रशिक्षित मंगल दल के युवक-युवतियों को न सिर्फ आर्थिक संबल मिलेगा बल्कि पर्यटकों को स्थानीय उत्पाद और स्थान के बारे में स्पष्ट एवं पूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराने का भी रास्ता साफ होगा।

Related Articles

Back to top button