प्रधानमंत्री की कोविड विषयक बैठक में मुख्यमंत्री के उद्बोधन के प्रमुख अंश

लखनऊ। सदी की सबसे बड़ी महामारी के बीच विगत दो वर्षों में आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा जो मार्गदर्शन मिला है, उसने न केवल महामारी के प्रसार पर नियंत्रण बनाने में सफलता प्राप्त की, बल्कि रिकवरी के स्तर को भी बेहतर रखा। प्रधानमंत्री जी के ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोविड महामारी पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है।

● वर्तमान में प्रदेश में कुल 1384 एक्टिव केस हैं, जिसमें से मात्र 19 लोग ही हॉस्पिटल में भर्ती हैं, यह लोग पूर्व से ही विभिन्न तरह की बीमारियों से ग्रस्त हैं। सभी की चिकित्सा के लिए बेहतर प्रबंध किए गए हैं। इनके स्वास्थ्य पर सतत नजर रखी जा रही है।

● उत्तर प्रदेश में कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। हालांकि विगत दो सप्ताह से एनसीआर के जनपद गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में केस बढ़ रहे हैं। शेष पूरे प्रदेश में स्थिति सामान्य है।

● प्रदेश की कुल पॉजिटिविटी दर 1.87% है, जबकि अप्रैल माह में अब तक 0.17% रही। गाजियाबाद में कुल 298 और गौतमबुद्ध नगर में 697 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में प्रति मिलियन केस की संख्या मात्र 06 है।

● एनसीआर के दो जिलों में केस बढ़ने के रुझान को देखते हुए हमने इन दो जिलों के साथ-साथ पूरे एनसीआर और लखनऊ में फेस मास्क लगाया जाना अनिवार्य कर दिया है। हम हर दिन सवा लाख से डेढ़ लाख कोविड टेस्ट कर रहे हैं। पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों का सैम्पल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग भी कराई जा रही है। अब तक के सभी परिणाम ओमिक्रोन अथवा इसके सब वैरिएंट होने की ही पुष्टि करते हैं।

● उत्तर प्रदेश में अब तक 11 करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट कर चुके हैं, जबकि कोविड टीके की 31 करोड़ 24 लाख डोज लगाई जा चुकी है। 18+ आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 87% से अधिक वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15 से 17 आयु वर्ग में 94% किशोरों को पहली खुराक मिल चुकी है और 65% से किशोरों को दोनों डोज लग चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को पहली डोज के बाद अब पात्रता के अनुसार दूसरी डोज भी दी जा रही है।

● कोविड महामारी के नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार से सतत सहयोग प्राप्त होता रहा है।।हम भविष्य की चुनौतियों के दृष्टिगत सभी आवश्यक इंतज़ाम भी कर रहे हैं। प्रदेश में 508 ऑक्सीजन प्लान्ट क्रियाशील हैं, जबकि 42 हजार से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध है। 6000 से अधिक स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

● इमरजेंसी कोविड रिलीफ पैकेज के रूप में प्राप्त धनराशि का उपयोग प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर करने में किया जा रहा है। सीएचसी लेवल पर 30 से 50 और पीएचसी लेवल पर 4-6 बेड की।सुविधा का विस्तार किया जा रहा है।

● आदरणीय प्रधानमंत्री जी के दिए “जीवन और जीविका” मंत्र का उत्तर प्रदेश ने सतत पालन किया है। कोविड की चुनौतियों के बीच प्रदेश के राजस्व में लगभग 25% और निर्यात में करीब 30% को वृद्धि हुई है।

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