मुंबई में व्यापारिक घरानों से मिले सेना प्रमुख जनरल नरवणे
- ”आत्मनिर्भर भारत” और भारतीय सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए योगदान को सराहा
- राज्यपाल से पूर्व सैनिकों के कल्याण, पुनर्वास सहित पारस्परिक हित के मुद्दों पर चर्चा की
नई दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने अपने दो दिवसीय मुंबई दौरे में रक्षा बलों के लिए अत्याधुनिक उपकरणों के निर्माण और आपूर्ति के लिए मुंबई के प्रमुख व्यापारिक घरानों से मुलाकात की। दौरे के आखिरी दिन मंगलवार को वह महत्वपूर्ण थल सेना और नौसेना प्रतिष्ठानों में भी गए।
सेना प्रमुख ने पहले दिन सोमवार को पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय (डब्ल्यूएनसी) का दौरा किया, जहां उन्होंने गार्ड ऑफ ऑनर की औपचारिक समीक्षा की। उन्होंने पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल आर हरि कुमार के साथ बातचीत की। उन्होंने सेना प्रमुख को परिचालन संबंधी पहलुओं के बारे में जानकारी दी। इसके बाद सेना प्रमुख ने ”सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट” से संबद्ध मिसाइल फ्रिगेट ”आईएनएस तेग” का भी दौरा किया। युद्धपोत के कप्तान ने सीओएएस को इसकी भूमिका, क्षमताओं और हाल की परिचालन तैनाती के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर पश्चिमी बेड़े फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल अजय कोचर भी उपस्थित थे।
शाम को सेना प्रमुख ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और राज्य में पूर्व सैनिकों के कल्याण और पुनर्वास सहित पारस्परिक हित के मुद्दों पर चर्चा की। बाद में जनरल एमएम नरवणे ने रक्षा बलों के लिए अत्याधुनिक उपकरणों के निर्माण और आपूर्ति में शामिल महिंद्रा डिफेंस, अडानी ग्रुप, लार्सन एंड टुब्रो और टाटा ग्रुप के बिजनेस हेड्स के साथ बातचीत की। उन्होंने ”आत्मनिर्भर भारत” और भारतीय सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए शानदार योगदान के लिए व्यापारिक घरानों की सराहना की।
सेना प्रमुख ने अपने दौरे के आखिरी दिन आज महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा एरिया मुख्यालय और मुंबई में स्थित विभिन्न प्रशासनिक क्षेत्रों का दौरा किया। जनरल कमांडिंग ऑफिसर (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल एसके पराशर ने उन्हें एरिया मुख्यालय के कामकाज और इस वर्ष कोरोना और बाढ़ राहत कार्यों के दौरान विभिन्न मानवीय सहायता में सेना के योगदान के बारे में जानकारी दी। जनरल कमांडिंग ऑफिसर ने उन्हें ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स और प्रशासनिक मुद्दों के बारे में जानकारी दी। सीओएएस ने क्षेत्र मुख्यालय की पहल और कार्यात्मक तत्परता की सराहना की।
सेना प्रमुख ने क्षेत्र मुख्यालय की ओर से सैनिकों, उनके परिवारों और पूर्व सैनिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी पहलों और परियोजनाओं की सराहना की।