घोष कला है जिसे निरन्तर अभ्यास से निखारा व संवारा जाता आप : प्रांत धोष प्रमुख
वैशाख माह शुक्ल पक्ष एकादशी, सोमवार १ मई को अत्यन्त हर्ष का विषय रहा कि आज संत रविदास नगर में घोष केन्द्र का शुभारंभ हुआ। जिसमें आनक , शंख, वंशी के साथ अन्य वाद्यों का संक्षिप्त परिचय व अभ्यास हुआ।
घोष केंद्र का प्रारंभ दीप प्रज्वलन व पूजन से हुआ, अभ्यास के पश्चात् घोष दल ने संचलन भी किया। इस अवसर पर प्रान्त के घोष शिक्षण प्रमुख अरविंद जी ने शंख, लखनऊ पूरब भाग के घोष शिक्षण प्रमुख मनीष जी ने वंशी व भाग कार्यवाह ज्योति प्रकाश ने आनक सिखाया।
प्रान्त के घोष शिक्षण प्रमुख अरविंद जी ने कहा कि वादन एक कला है जो निरन्तर अभ्यास से होता है । भाग कार्यवाह ज्योति प्रकाश ने बताया कि हम विजयादशमी उत्सव पर घोष वादन ठीक प्रकार से करेंगे व २०२४ के महा शिवरात्रि पर नगर में घोष का प्रदर्शन होगा। यह सब मा. सह नगर संघचालक दिनेश जी व विज्ञान बस्ती के बस्ती प्रमुख रवीन्द्र जी के प्रयास से संभव हुआ है।
इस अवसर पर नगर कार्यवाह राजेश जी, नगर बौद्धिक शिक्षण प्रमुख डॉ. सौरभ मालवीय जी, नगर व्यवस्था प्रमुख अखिलेश जी, अपार्टमेंट कार्य प्रमुख अम्बरीष जी व नगर व विज्ञान खंड गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।