मुख्यमंत्री ने जालौन के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया
- पं0 परशुराम द्विवेदी महाविद्यालय, जगमनपुर में
- बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के राहत शिविरों का निरीक्षण किया
- आपदा के दौरान मृतकों के परिजनों को आपदा राहत राशि प्रदान की
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद जालौन के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके उपरान्त, उन्होंने पं0 परशुराम द्विवेदी महाविद्यालय, जगमनपुर में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के राहत शिविरों का निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने प्रभावित लोगों से बाढ़ राहत व बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने आपदा के दौरान मृतकों के परिजनों को आपदा राहत राशि भी प्रदान की।
मुख्यमंत्री जी ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ जनपद जालौन के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पशुओं के चारे, भूसे तथा दवाओं की समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने सिंचाई एवं पेयजल विभाग को निर्देशित किया कि जिन ग्रामों में अभी पानी है, वहां के निवासियों को सुरक्षित जगह पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि जनपद के पानी से घिरे 114 गांवों के निवासियों को राहत शिविर के माध्यम से राहत पैकेट वितरित किए जाएं। उन्होंने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के प्रत्येक गंाव का निरीक्षण करने तथा वहां पर्याप्त राहत व बचाव कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एस0डी0आर0एफ0 व पी0ए0सी0 बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में तैनात रहे। लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जाए। पर्याप्त मात्रा में बाढ़ चैकियों की स्थापना की जाए। लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किए जाएं। विद्युत आपूर्ति के अभाव में पेट्रोमेक्स व जेनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बाढ़ राहत शिविरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला आरक्षी तैनाती की जाएं। बाढ़ का पानी कम होने पर स्वच्छता व सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। बाढ़ प्रभावितों को हर हाल में समय पर राहत सुनिश्चित की जाए। खाद्यान्न की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। बाढ़ पीड़ितांे को फूड पैकेट्स वितरित किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी को जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि यमुना जी, बेतवा एवं पहुँज नदियों में बाढ़ आने के कारण समस्त तहसीलों के 1,155 राजस्व ग्रामों में से लगभग 158 राजस्व ग्राम प्रभावित होते हैं। वर्तमान में काली सिन्ध, पार्वती नदियों एवं कोटा बैराज से चम्बल नदी में पानी छोड़े जाने के कारण कालपी में यमुना जी के जल स्तर में दिनांक 29 जुलाई, 2021 से वृद्धि हो रही है। जो दिनांक 04 अगस्त, 2021 को खतरे के निशान 108 मी0 से ऊपर पहुंच गया।
जनपद में बाढ़ नियंत्रण हेतु जनपद के मुख्यालय कलेक्ट्रेट में 24 घण्टे हेतु कण्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है, जिसका दूरभाष नं0-05162-252313 है। कण्ट्रोल रूम में 08-08 घण्टे की 03-03 कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। इसी प्रकार सभी तहसीलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। जनपद सम्बन्धी सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु ‘फ्लड जालौन’ के नाम से व्हाटसएप ग्रुप बनाया गया है। जनपद की सभी तहसीलों के जिन ग्रामों में बाढ़ की सम्भावना थी, उनमें मुनादी कराकर चेतावनी का प्रसारण कराया गया है एवं लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
बाढ़ के राहत कार्याें हेतु एस0डी0आर0एफ0 की 01 टीम तहसील माधौगढ़ में, एन0डी0आर0एफ0 की 02 टीमें जनपद में हैं। इसमें 01 टीम तहसील जालौन एवं 01 टीम तहसील कालपी में बचाव कार्य कर रही है। सेना के 80 लोगों की टीम जनपद में है, जो जिला प्रशासन के साथ कर तहसील माधौगढ़ एवं जालौन में बचाव कार्य रही हैं। बचाव कार्य हेतु स्थानीय मछुवारों की 99 नावें एवं फैजाबाद से 08 इलेक्ट्राॅनिक वोट मंगाकर राहत कार्य कराया जा रहा हैं।
सभी बाढ़ प्रभावित ग्रामों में राहत टीम के साथ मेडिकल टीम भी भ्रमण कर लोगों को आवश्यक उपचार उपलब्ध करा रही है। साथ ही, ओ0आर0एस0 एवं क्लोरीन की टैबलेट का भी वितरण किया जा रहा है। पशुओं हेतु भी वेटनरी मेडिकल टीम ग्रामों में भ्रमण कर राहत कार्य कर रही है। बाढ़ प्रभावित ग्रामों में जिला प्रशासन द्वारा अब तक 573 ड्राई राशन एवं 3,971 लंच पैकेट वितरित किए गए हैं। मुख्यालय स्तर पर कण्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है, जिसका हेल्पलाइन नम्बर 05162-252516, इस कण्ट्रोल रूम में 24 घण्टे कर्मचारी कार्यरत हैं।
28 बाढ़ चैकियों का गठन किया गया है। प्रत्येक ब्लाॅक में बाढ़ से निपटने के लिये तीन-तीन टीमंे बनायी गयी हैं। संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु पैम्फ्लेट/हैण्डबिल एवं समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। प्रत्येक बाढ़ ग्रसित क्षेत्र के चिकित्सालयों पर पर्याप्त मात्रा में औषधियां उपलब्ध हैं। बाढ़ से बचाव हेतु ब्लाॅक स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
बैठक में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।