योगी सरकार ने एसी बसों, लक्जरी गाड़ियों से घर तक पहुंचाया

गोरखपुर, 27 अप्रैल। अफ्रीकी देश सूडान में गृहयुद्ध संकट में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी की मुहिम में ऑपरेशन कावेरी के तहत अबतक करीब छह सौ लोगों का रेस्क्यू किया गया है। इनमें गोरखपुर-बस्ती मंडल के भी 31 नागरिक शामिल हैं। देवरिया के 12, कुशीनगर के 13, गोरखपुर के 5 नागरिकों तथा सिद्धार्थनगर के 1 नागरिक की वतन वापसी पर योगी सरकार ने पूरी देखभाल के साथ उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश शासन के अधिकारी लगातार विदेश मंत्रालय की टीम के साथ संपर्क में बनी हुई है। सीएम का स्पष्ट निर्देश है कि यूपी के जो भी नागरिक सूडान से लौट रहै हैं, उनको ससम्मान रिसीव करने के बाद उनके भोजन-नाश्ते की उत्तम व्यवस्था करते हुए सुविधाजनक साधन से घर तक पहुंचाया जाए। इसी क्रम में रेस्क्यू कर वाया जेद्दा दिल्ली लाए गए यूपी के नागरिकों को गुरुवार को एसी बसों और फिर लक्जरी गाड़ियों से उनके घर पहुंचाया गया। गोरखपुर-बस्ती मंडल के 31 नागरिकों का दल एसी बस से गुरुवार दोपहर बाद सहजनवा पहुंचा। इनमें 5 नागरिक गोरखपुर जनपद के, 12 देवरिया, 13 कुशीनगर और 1 सिद्धार्थनगर जिले के रहे। यहां उनके अभिवादन के बाद एक रेस्टोरेंट में भोजन कराया गया और फिर उनके गृह क्षेत्र के पते के अनुसार लक्जरी फोर व्हीलर से रवाना किया गया।

जयकारों के बीच अफसरों ने की अगवानी
सूडान के मुश्किल हालात से निकलकर वतन वापसी करने वाले नागरिकों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। सहजनवा में बस से उतरते ही उन्होंने भारत माता की जय, वंदे मातरम, नरेंद्र मोदी जिंदाबाद, योगी बाबा जिंदाबाद, इंडियन एम्बेसी जिंदाबाद और यूपी प्रशासन जिंदाबाद के जयकारे लगाए। इन नागरिकों का एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश सिंह, एसडीएम सहजनवा सुरेश कुमार राय, जिला आपदा प्रबंधक गौतम गुप्ता, नायाब तहसीलदार अमित कुमार सिंह, जिला सूचना अधिकारी प्रशांत श्रीवास्तव ने माला पहनाकर स्वागत किया।

सरकार की पहल से सूडान का खौफ छू मंतर
सूडान से लौटे नागरिको ने कहा कि वहां हाल में बिताए गए दिन बेहद खौफनाक रहे। पर, सरकार की पहल से सुरक्षित वतन वापसी और यहां इतनी आत्मीयता से देखभाल के साथ घर तक पहुंचाने की व्यवस्था से खौफ छू मंतर हो गया। मोदी सरकार ने जिस तरह हमें संकट से निकाला और योगी सरकार ने घर पहुंचने तक हर कदम ख्याल रखा, वह अभिभूत कर देने वाला है।

कुछ दिन और फंसे रहते तो भूख से मर जाते
मीडिया से बातचीत में गोरखपुर के हथियापरास निवासी जनार्दन त्रिपाठी, राजेंद्र नगर के मनीष गुप्ता, गगहा के देव नारायण, कुशीनगर के राघवेंद्र यादव, देवरिया के संतोष चौरसिया ने कहा कि गृहयुद्ध के कारण सूडान में पिछले 15 दिनों से जीवन नारकीय हो गया था। हमारी कमाई तो वहीं लूट ली गई। कुछ दिन और फंसे रहते तो भूख से मर जाते। कोई शरीर पर पहने वस्त्र में ही लौटा तो कोई एक छोटे से बैग में एक-दो जोड़ी कपड़ा लेकर। और कोई सामान नहीं ला पाए। नागरिकों ने बताया कि उन्हें इंडियन एम्बेसी ने पोर्ट सूडान से नेवी, आर्मी और एयरफोर्स की मदद से जेद्दा भेजवाया। वहां से उन्हें हवाई जहाज से दिल्ली लाया गया। यूपी भवन में भोजन व विश्राम कराने के बाद योगी सरकार ने उन्हें घर भेजने और रास्ते भर खानपान की उत्कृष्ट व्यवस्था की।

गोरखपुर-बस्ती मंडल के इन नागरिकों की हुई सूडान से वापसी
देवरिया : विनोद शाह, जितेंद्र गुप्ता, जितेंद्र कुमार चौरसिया, विकास प्रसाद, अजय कुमार कनौजिया, रविंद्र कुमार निषाद, दशरथ कुशवाहा, अर्जुन यादव, सत्य प्रकाश यादव, नागेंद्र निषाद, प्रमोद कुमार यादव, संतोष चौरसिया।
कुशीनगर: राणा प्रताप सिंह, राकेश यादव, विनोद कुमार शर्मा, मुरारी शर्मा, जितेंद्र सिंह, उमेश यादव, सतीश शर्मा, संतोष राजभर, राघवेंद्र यादव, बाबूलाल शर्मा, दिलीप गुप्ता, धर्मेंद्र मिश्रा, खुशबूद्दीन अंसारी।
गोरखपुर : मनीष गुप्ता, विजय बहादुर सिंह,, रामहंस, देवनारायण, जनार्दन त्रिपाठी।
सिद्धार्थनगर : महेंद्र।

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