दूसरी बार क्यूबा के राष्ट्रपति चुने गए मिगुएल डियाज-कैनेल

राघवेन्द्र प्रताप सिंह : मिगुएल डियाज-कैनेल दूसरी बार क्यूबा के राष्ट्रपति चुने गए है। कैनेल ने संसदीय वोट में दूसरी बार पांच साल का कार्यकाल हासिल किया है। राष्ट्रपति चुनाव कराने के लिए सदन की बुलाई गई बैठक के दौरान डियाज कैनल को 462 में से 459 मत मिले।

क्यूबा का इतिहास :

15वीं शताब्दी से लेकर वर्ष 1898 में स्पेनिश-अमेरिकी युद्ध तक क्यूबा, स्पेन का एक उपनिवेश था, इस युद्ध के बाद क्यूबा पर संयुक्त राज्य अमेरिका का कब्ज़ा हुआ और 1902 में इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा संरक्षित राष्ट्र के रूप में नाममात्र स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

वर्ष 1940 में क्यूबा ने अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली को मज़बूत करने का प्रयास किया, किंतु बढ़ती राजनीतिक कट्टरता और सामाजिक संघर्ष के कारण वर्ष 1952 में फुलगेनियो बतिस्ता के नेतृत्त्व में तख्तापलट हुआ और वहाँ तानाशाही शासन स्थापित हो गया।

फुलगेनियो बतिस्ता के शासन के दौरान बढ़ते भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के कारण जनवरी 1959 में आंदोलन की शुरुआत हुई और बतिस्ता को सत्ता से हटा दिया गया, जिसके बाद फिदेल कास्त्रो के नेतृत्त्व में कम्युनिस्ट शासन की स्थापना हुई।

वर्ष 1965 से क्यूबा को कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा शासित किया जा रहा है।
क्यूबा, शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच विवाद का एक प्रमुख विषय था और वर्ष 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के दौरान दोनों महाशक्तियाँ परमाणु युद्ध की कगार पर मौजूद थीं।

वर्ष 2019 में क्यूबा में एक नए संविधान को मंज़ूरी दी गई, जो निजी संपत्ति के अधिकार को आधिकारिक मान्यता देता है, जबकि उत्पादन और भूमि के विनियमन पर केंद्र सरकार का अधिकार सुनिश्चित करता है।

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