भुखमरी की तरफ बढ़ रहा उत्तर कोरिया, घट रहा अनाज उत्पादन 

राघवेन्द्र प्रताप सिंह : उत्तर कोरिया में खाद्य संकट की सटीक स्थिति जानना वैसे तो मुश्किल है क्योंकि सरकार सही आंकड़े देती नही लेकिन 1990 में कोरिया ऐसे खाद्य संकट का सामना कर चुका है जब भुखमरी के कारण लाखों लोगों की जानें गई थीं तब से लेकर अब तक उत्तर कोरिया में खाद्य संकट बना हुआ है।

अब एक बार फिर से कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि उत्तर कोरियाई क्षेत्र में एक बड़ी आबादी भुखमरी का शिकार हो रही है। खाद्य समस्या को हल किए बिना किम जोंग उन अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं, क्योंकि ऐसा करने से जनता का समर्थन हिल जाएगा। कोरोना महामारी के बाद यहां तेजी से भोजन की कमी हो रही है।

इस बीच उत्तर कोरिया में यह अटकलें फिर से तेज हो गई हैं कि शीर्ष नेता एक सही कृषि नीति तैयार करने के लिए तत्काल चर्चा की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की आगामी बैठक का उद्देश्य अपने नेता किम जोंग उन के समर्थन को बढ़ावा देना है, क्योंकि वह अमेरिकी दबाव और प्रतिबंधों के बावजूद परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। 

आपको बता दें कि उत्तर कोरिया को अपने 2.5 करोड़ लोगों के लिए 5.5 मिलियन टन अनाज की आवश्यकता है। हालांकि, यहां हर साल अनाज उत्पादन घटना ही जा रहा है। अनुमानों के अनुसार, बीते साल लगभग 4.5 मिलियन टन उत्पादन हुआ, जो एक साल पहले की तुलना में 3.8% कम था। इससे पहले पिछले एक दशक में वार्षिक अनाज उत्पादन लगभग 4.4 मिलियन टन से 4.8 मिलियन टन तक स्थिर हो गया है।

2011 के अंत में नेता के रूप में अपने पिता से पदभार ग्रहण करने के बाद किम जोंग ने अपने पहले सार्वजनिक भाषण में, खाद्यान्न की कमी को दूर करने का वायदा किया था। किम जोंग उन के शासन की शुरुआत में अर्थव्यवस्था में सुधार भी हुआ था, लेकिन परमाणु कार्यक्रम के कारण कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण संकट गहराता ही चला गया है।

Related Articles

Back to top button