जल शक्ति मंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण

जल शक्ति मंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण

लखनऊ। राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में भारी वर्षा के कारण धौलपुर से चम्बल नदी में 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण इटावा व औरैया जनपदों के कुछ गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित जनमानस को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री द्वारा मंत्री जल शक्ति विभाग महेन्द्र सिंह को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश भी दिये गये। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में आज दिनांक 06.08.2021 को  मंत्री, जल शक्ति विभाग महेन्द्र सिंह द्वारा चम्बल व यमुना नदी की बाढ़ से प्रभावित जनपद इटावा व औरेया का हवाई सर्वेक्षण तथा जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत कार्यो की समीक्षा की गयी। इस दौरान उनके साथ राहत आयुक्त उ0प्र0, रणवीर प्रसाद तथा प्रमुख अभियन्ता परिकल्प एवं नियोजन, ए0के0 सिंह भी उपस्थित रहे। 

बैठक में जनपदों के सांसदगण व विधायकगण, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, स्वास्थ्य सिंचाई एवं अन्य सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। 

इटावा जनपद की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में चम्बल, क्वारी व यमुना नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण जनपद इटावा की 02 तहसीलों सदर व चकरनगर के 39 गांव बाढ़ प्रभावित है। औरैया जनपद में यमुना नदी के कारण बाढ़ से औरैया की 02 तहसीलों सदर व अजीतमल के 24 गांव प्रभावित बताया गया है। 

बैठक में जलशक्ति मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया कि बाढ़ प्रभावित ग्रामों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाय तथा उनके लिए अस्थायी टेन्ट राहत सामग्री किट स्वास्थ्य व्यवस्था आदि उपलब्ध कराया जाय। बैठक में यह भी निर्देश दिये गये कि सर्पदंश की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में एन्टीवेनम तथा अन्य औषधियांे की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। बैठक में निर्देश दिये गये कि पशुओं के लिए पर्याप्त चारा तथा टीकाकरण आदि सुनिश्चित किया जाय। उक्त बैठक में राहत शिविरों में प्रकाश तथा अस्थायी शरणालयों में शौचालय, पेयजल, कपड़े,  बर्तन, बिस्तर आदि की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये। यह भी निर्देश दिये गये कि राहत शिविरों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाय। कंट्रोल रूम के प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि वे जनप्रतिनिधियों व आम जनता से यथा सम्भव सम्पर्क कर उनसे सुझाव प्राप्त करते हुए पीड़ितों को तत्काल आवश्यक सहायता एवं राहत उपलब्ध करायें। 

सर्वे के उपरांत जनपदीय अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों को यह भी निर्देश दिये गये कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0, पी0ए0सी0 एवं अन्य आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय अवस्था में रखा जाए तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में  त्वरित राहत कार्यों में तेजी लाने हेतु और भी अधिकारियों/कार्मिकों की नियुक्ति की जाए। एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत कार्य कराये जाए तथा प्रभावित परिवारों को हर जरूरी सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए।  जलशक्ति मत्री द्वारा उक्त जनपदों में नदियों के बाढ़ के जलस्तर की सतत् निगरानी किये जाने तथा बाढ़ पीड़ितों को त्वरित राहत हेतु निर्देश दिये गये।

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