थकान से तरोताज़ा वापसी तक – डिकॉक बोले, ब्रेक ने फिर जगा दी टीम के लिए जीतने की भूख

साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर-बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के अपने पुराने फैसले को पलटने की कहानी साझा की।

डिकॉक का मानना है कि किसी चीज को खोने के बाद ही उसकी असली कीमत का एहसास होता है और यही अनुभव उनकी क्रिकेट की भूख को पहले से भी ज्यादा तेज कर गया है।

डिकॉक की यह नई प्रेरणा भारत के खिलाफ खेले गए दूसरे टी20 में देखने को मिली, जहां उन्होंने 90 रन की शानदार पारी खेली। इस प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लौटने का नया संकल्प कितना मजबूत है।

साभार : गूगल

पावर हिटिंग के इस युग में भी डिकॉक पारंपरिक स्ट्रोकप्ले पर भरोसा रखते हैं और अपनी बल्लेबाजी को सहज तरीके से निभाते हैं। 32 वर्षीय इस खिलाड़ी ने 2023 विश्व कप के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इसके बाद 2024 के टी20 विश्व कप के फाइनल में भारत से हार के बाद अक्टूबर तक उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी बना रखी थी।

वापसी के फैसले पर डिकॉक ने कहा, “मुझे लगता है कि संन्यास लेने से पहले टीम के लिए मैच जीतने की मेरी भूख कम हो रही थी। लेकिन ब्रेक ने मेरी भूख फिर से जगा दी।

मैं टीम के साथियों से कह रहा था कि शायद मैंने पहले कभी ऐसा महसूस नहीं किया। जब आप युवा होते हैं, तो सिर्फ रन बनाने और प्रभाव छोड़ने के लिए खेलते हैं। अब मैं हर मैच को जीतने की नई ऊर्जा के साथ खेल रहा हूं।”

उन्होंने आगे बताया कि पहले सुबह उठकर टीम के लिए खेलना मुश्किल होता था, खासकर जब लगातार क्रिकेट खेलते-खेलते थकान और ऊब महसूस होती थी।

“मैं नई चुनौती की तलाश में था और वह नहीं मिल रही थी। संन्यास के बाद वापसी ने मुझे वही चीज वापस दी जिसकी मुझे सबसे ज्यादा कमी खल रही थी। जब तक आप किसी चीज को खो नहीं देते, तब तक उसकी कीमत का एहसास नहीं होता। अब मुझे नई ऊर्जा मिली है और मुझे लगता है कि मैं पहले से कहीं अधिक समय तक खेल सकता हूं।”

डिकॉक से जब पूछा गया कि क्या वह टेस्ट क्रिकेट में भी वापसी कर सकते हैं, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल इसका कोई निश्चित जवाब नहीं है।

हालांकि, उनके हालिया प्रदर्शन ने वापसी की सही दिशा दिखा दी। वनडे इंटरनेशनल सीरीज के आखिरी मैच में उन्होंने शतक लगाया, जबकि पहले मैच में जल्दी आउट हो गए थे। दूसरे मैच में उनकी बल्लेबाजी ने टीम को नई उम्मीद और आत्मविश्वास दिया।

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