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समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण पर भारत-ईयू आइडियाथॉन का उड़ीसा में हुआ आयोजन

सरिता त्रिपाठी: हरित और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) कार्य समूह 2 के तहत आयोजित “समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण का मुकाबला” पर भारत-यूरोपीय संघ आइडियाथॉन, 10 दिसंबर 2025 को भुवनेश्वर सिटी नॉलेज इनोवेशन क्लस्टर फाउंडेशन, कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर, ओडिशा में अपने अंतिम समारोह के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक सहयोगात्मक पहल की परिणति का प्रतीक था। आइडियाथॉन ने यह प्रदर्शित किया है कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच समन्वित वैज्ञानिक सहयोग से किस प्रकार प्रभावशाली और व्यापक समाधान उत्पन्न किए जा सकते हैं। भाग लेने वाले युवा नवप्रवर्तकों ने रचनात्मकता, वैज्ञानिक सटीकता और समुदाय-उन्मुख सोच के माध्यम से प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए उल्लेखनीय प्रतिबद्धता दिखाई है।”

यूरोपीय आयोग के अनुसंधान एवं नवाचार महानिदेशालय की उप महानिदेशक सुश्री सिग्ने रत्सो ने सभा को संबोधित करते हुए टीटीसी तंत्र के तहत सहयोगात्मक अनुसंधान को मजबूत करने के लिए यूरोपीय संघ की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “हमें बेहद खुशी है कि भारत और यूरोपीय संघ नदी और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य के लिए इन क्षेत्रों में मिलकर काम करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।”

चयनित टीमों ने अपनी अंतिम प्रस्तुतियाँ साझा कीं और निम्नलिखित तीन चुनौती क्षेत्रों में सुव्यवस्थित समाधान प्रस्तुत किए, जिनका मूल्यांकन भारतीय और यूरोपीय जूरी पैनलों द्वारा किया गया:

  • चुनौती 1: समुद्री प्लास्टिक की पहचान और ट्रैकिंग;
  • चुनौती 2: प्रभावी और स्केलेबल निष्कासन प्रौद्योगिकियों का विकास; और
  • चुनौती 3: रोकथाम के लिए जागरूकता बढ़ाना और समुदायों को संगठित करना।

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