एफसी गोवा ने रोमांचक फाइनल में सुपर कप का रिकॉर्ड तीसरा खिताब जीता
एफसी गोवा ने एआईएफएफ सुपर कप के फाइनल में इतिहास रचते हुए ईस्ट बंगाल एफसी को पेनल्टी शूटआउट में 6–5 से हराकर अपना रिकॉर्ड तीसरा खिताब हासिल किया।
खास बात यह रही कि टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार मुकाबला अतिरिक्त समय और पेनल्टी शूटआउट तक खिंचा, जिससे यह मैच सुपर कप के इतिहास में यादगार बन गया।
मैच की शुरुआत से दोनों टीमों ने गोल करने के कई मौके बनाए, लेकिन नियमित समय और अतिरिक्त समय में कोई भी टीम गोल करने में कामयाब नहीं हुई।

एफसी गोवा के कप्तान और मोहम्मद बसिम राशिद ने अपने पेनल्टी मौके गंवाए, वहीं ईस्ट बंगाल के कप्तान सॉल क्रेस्पो, केविन सिबिले, मिगुएल फेरेरा और अनवर अली ने अपने पेनल्टी स्कोर किए।
सडन डेथ में उदांता कुमार और साहिल तवोरा ने अपने पेनल्टी गोल कर टीम को बढ़त दिलाई, जबकि ईस्ट बंगाल के हमीद अहदाद ने स्कोर किया, लेकिन पीवी विष्णु ने मौका गंवा दिया। इस तरह एफसी गोवा ने 6-5 से जीत दर्ज की।
फाइनल का खेल शुरू से ही रोमांचक रहा। घरेलू टीम फातोर्डा स्टेडियम में दर्शकों के प्रोत्साहन से उत्साहित थी। शुरुआती कुछ अवसरों में ईस्ट बंगाल की डिफेंस ने गोल को रोका।
ईस्ट बंगाल ने धीरे-धीरे खेल में पकड़ बनाई और फेरेरा को 12वें मिनट में मौका दिया, लेकिन गोल नहीं हो सका। बिपिन सिंह ने फ्लैंक से खतरनाक क्रॉस किए, लेकिन गोवा की रक्षा मजबूत रही।
गोवा ने बीच के ओवरों में उदांता और निम डोरजी तमांग को उतारकर पोजिशन मजबूत की। पहले हाफ में महेश नोरम और बिपिन सिंह ने अच्छे मौके बनाए, लेकिन गोल नहीं हो सका।
एक बार फिर अतिरिक्त समय में दोनों टीमों ने गोल बनाने की कोशिश की, लेकिन गोलकीपर प्रभसुखान सिंह गिल ने ईस्ट बंगाल के कई शॉट्स को रोक दिया। एफसी गोवा ने भी कई अवसर बनाए, जिसमें सिवेरियो का शॉट और डीजन ड्राजिक की हेडर गिल ने बचाए।
आखिरकार मैच का निर्णय पेनल्टी शूटआउट पर आया। एफसी गोवा के खिलाड़ियों ने सटीक पेनल्टी के दम पर जीत हासिल की, जबकि ईस्ट बंगाल के एक खिलाड़ी ने पेनल्टी गंवाई।



