एक शब्द से बढ़ा विवाद : साउथ अफ्रीका कोच बोले—शब्द चयन गलत, पर माफी नहीं माँगूँगा
भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान साउथ अफ्रीका के हेड कोच शुकरी कोनराड का दिया गया एक बयान अब भी चर्चा में है। उनका एक शब्द—‘ग्रोवेल’—ऐसा था जिसने क्रिकेट जगत में अनावश्यक हलचल पैदा कर दी और उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
यह शब्द अंग्रेज़ी में किसी को “घुटनों पर लाने” की भावना से जुड़ा है, और इसी कारण इसके ऐतिहासिक संदर्भ—गुलामी, उपनिवेशवाद और नस्लवाद—ने विवाद को और बढ़ाया।
अब कोनराड ने इस मसले पर चुप्पी तोड़ते हुए स्वीकार किया है कि यह शब्द चुनना उनकी गलती रही, लेकिन उन्होंने साफ़ कर दिया कि भारतीय टीम से वह माफी नहीं मांगेंगे।

विशाखापट्टनम में शनिवार को खेले गए तीसरे वनडे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उनका इरादा भारत का अपमान करने का बिल्कुल नहीं था। उन्होंने माना कि सोचने पर उन्हें लगा कि वो बेहतर शब्द चुन सकते थे, क्योंकि ‘ग्रोवेल’ ने लोगों को अपनी-अपनी व्याख्याएँ जोड़ने का मौका दे दिया।
उनका तर्क था कि वे सिर्फ इतना कहना चाहते थे कि भारत को मैदान पर अधिक समय तक टिके रहने के लिए मजबूर किया जाए और उनके लिए हालात कठिन बना दिए जाएँ। कोनराड ने यह भी स्वीकार किया कि अब उन्हें शब्दों के चयन में और सावधानी रखनी होगी, क्योंकि हर शब्द के साथ एक कॉन्टेक्स्ट जुड़ा होता है।
यह विवाद 25 नवंबर की उस प्रेस कॉन्फ्रेंस से उठ खड़ा हुआ था, जब गुवाहाटी टेस्ट की चौथी शाम उनसे पूछा गया कि साउथ अफ्रीका ने 549 रन की बड़ी बढ़त लेने से पहले पाँच घंटे चार मिनट तक बल्लेबाज़ी क्यों की—एक ऐसा लक्ष्य जो भारत में अब तक सफलतापूर्वक चेज किए गए किसी भी टेस्ट स्कोर से 161 रन अधिक था।
तब उन्होंने कहा था कि वे चाहते थे भारतीय खिलाड़ी मैदान पर जितना हो सके उतना समय बिताएँ, असहज महसूस करें और पूरी तरह दबाव में आ जाएँ—एक पुरानी कहावत की तरह कि “उन्हें खेल से बाहर कर दो और फिर आखिरी दिन एक घंटे का मुकाबला करने के लिए चुनौती दो।”
उनके पूरे 48-शब्दों के बयान में सिर्फ एक शब्द—‘ग्रोवेल’—विवादास्पद निकला। यही वह शब्द था जिसने इतिहास की याद दिला दी।
इसी शब्द को लेकर 1976 में टोनी ग्रेग भी आलोचना के घेरे में आए थे, जब उन्होंने इसे वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी रणनीति समझाते हुए इस्तेमाल किया था। उसका नतीजा यह हुआ कि भड़के हुए वेस्टइंडीज खिलाड़ियों ने पूरी सीरीज 3-0 से अपने नाम कर ली थी।
मामले पर बोलते हुए कोनराड ने आगे यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक शब्द इतना बड़ा मुद्दा बन गया, लेकिन उसी बहस ने वनडे सीरीज को और रोचक भी बना दिया। और अब जबकि भारत वह सीरीज जीत चुका है, उन्हें लगता है कि आगामी टी-20 सीरीज और भी रोमांचक होने वाली है।



