एमएलएस फाइनल में मेसी की चमक, मुलर की बादशाहत पर लगा ब्रेक

जर्मनी के स्टार फुटबॉलर थॉमस मुलर और अर्जेंटीना के महान लियोनेल मेसी के बीच की प्रतिद्वंद्विता हमेशा फुटबॉल प्रशंसकों के लिए रोमांच का केंद्र रही है।

हालांकि इतिहास अक्सर मुलर के पक्ष में झुका रहा है, लेकिन एमएलएस कप फाइनल ने इस बार कहानी को एक अलग मोड़ दे दिया।

मुलर और मेसी के बीच खेले गए 10 मुकाबलों में मुलर ने सात बार जीत दर्ज की है, और विश्व कप में तो जर्मन टीम ने मुलर की अगुवाई में दो बार मेसी की अर्जेंटीना को बाहर का रास्ता दिखाया है।

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लेकिन शनिवार, 6 दिसंबर, मेसी के लिए खास साबित हुआ। इस बार मंच था एमएलएस कप फुटबॉल प्रतियोगिता का फाइनल, और मुकाबला था मेसी की इंटर मियामी बनाम मुलर की वैंकूवर व्हाइटकैप्स।

इस अहम मैच में मेसी ने अपने करियर की चमक में एक और सुनहरी किरण जोड़ दी। इंटर मियामी ने वैंकूवर को 3-1 से हराते हुए पहली बार एमएलएस चैंपियनशिप जीती, और मेसी ने अपने करियर का 47वां खिताब हासिल किया। यह उपलब्धि उनके एमएलएस के तीसरे सीज़न को एक ऐतिहासिक समापन देती है।

खिताब जीतने के बाद मेसी ने भावुक होकर कहा, “तीन साल पहले मैंने एमएलएस आने का फैसला किया और आज हम एमएलएस चैंपियन हैं। पिछले साल हम जल्दी बाहर हो गए थे, लेकिन इस बार एमएलएस जीतना हमारा मुख्य लक्ष्य था।”

मैच में भी मेसी का प्रभाव निर्णायक रहा—72वें मिनट में उन्होंने रोड्रिगो डी पॉल को गोल करने में मदद की, और फिर स्टॉपेज टाइम में एक और गोल में योगदान देकर जीत को पक्का किया।

दिलचस्प यह है कि मेसी और मुलर सिर्फ प्रतिद्वंद्वी ही नहीं, बल्कि उपलब्धियों के मामले में लगभग समान स्तर पर खड़े हैं—दोनों विश्व कप, चैंपियंस लीग, और क्लब विश्व कप जीत चुके हैं। पर इस बार, मैदान पर कहानी मेसी की ही चमक के नाम रही।

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