भारत के शिक्षा मंत्री ने की सिंगापुर के नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात
राघवेन्द्र प्रताप सिंह : केन्द्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 18 जनवरी को सिंगापुर उच्चायोग की प्रथम सचिव सुश्री अमांडा क्वेक के नेतृत्व में सिंगापुर के नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। धर्मेंद्र प्रधान ने नवाचार को लोकतांत्रिक बनाने, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए अवसर पैदा करने पर ध्यान देते हुए शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की।
भारत और सिंगापुर शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्रों में मजबूत संबंधों के साथ स्वाभाविक सहयोगी हैं। उन्होंने कहा कि हम अकादमिक जगत और उद्योग की भागीदारी के साथ परस्पर सहयोग बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।
आपको बता दें कि जून 2018 में शांगरी ला डॉयलॉग से इतर भारत और सिंगापुर ने रक्षा और रणनीतिक साझेदारी के अलावा कई और क्षेत्रों में भी परस्पर सहयोग के कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये जिससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती भी मिली है।
इसमें सबसे महत्त्वपूर्ण समझौता भारतीय नौसेना और सिंगापुर की नौसेना के बीच किया गया कार्यान्वयन समझौता था जो आपसी समन्वयन, नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और नौसेना के विमानों के रखरखाव और लाजिस्टिक्स से संबंधित है।
भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट नीति’ पर अमल करते हुए हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच कई उच्च स्तरीय वार्ताएं और समझौते किए गए हैं, जिससे परस्पर संबंध और प्रगाढ़ हो रहे हैं। भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं के साथ ही संयुक्त अभ्यासों और अन्य द्विपक्षीय सहयोग के लिए 20 से ज्यादा व्यवस्थाएं की गई हैं, जिन पर हर साल अमल किया जाता है। नवंबर 2015 में दोनों देशों के बीच इन संबंधों को रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया गया। दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास-सिमबेक्स भी आयोजित किया जाता है।