नेतृत्व और संयोजन पर सवालों के बीच दूसरे टेस्ट में उतरेगा भारत
दूसरे टेस्ट से पहले भारतीय टीम ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहां केवल स्पिन ही नहीं, बल्कि नेतृत्व और रणनीति से जुड़े सवाल भी उसे परेशान कर रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शनिवार से खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट में भारत को श्रृंखला बचाने के लिए सिर्फ बेहतर खेल ही नहीं, बल्कि एक स्पष्ट दिशा की भी ज़रूरत होगी—जो इस समय टीम में सबसे बड़ी कमी दिख रही है।
शुभमन गिल की अनुपस्थिति ने पहले से हिल चुकी टीम को और असंतुलित कर दिया है। अचानक कप्तानी की जिम्मेदारी सम्भाल रहे ऋषभ पंत को सिर्फ विपक्ष के स्पिनरों से ही नहीं, बल्कि ड्रेसिंग रूम में फैली रणनीतिक उलझनों से भी पार पाना होगा।

मुख्य कोच गौतम गंभीर के लगातार चौंकाने वाले फैसलों ने टीम प्रबंधन के भीतर भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है—और यही असमंजस मैदान पर भी दिख रहा है। एक समय था जब भारतीय टीम घरेलू परिस्थितियों में ‘अजेय’ मानी जाती थी, लेकिन पिछले दो वर्षों ने इस धारणा को बिखेर दिया है।
पहले न्यूज़ीलैंड की स्पिन जोड़ी ने और अब साइमन हार्मर की अगुवाई वाली दक्षिण अफ्रीकी स्पिन आक्रमण ने भारतीय बल्लेबाजों की तकनीकी कमियों को जगज़ाहिर कर दिया है।
यह केवल कौशल की कमी नहीं—खिलाड़ियों के आत्मविश्वास पर भी इसका गहरा असर दिखाई दे रहा है। गिल की स्थिति को लेकर लंबे समय तक जारी अस्पष्टता ने टीम की तैयारियों को और कमजोर कर दिया।
विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि वे आराम के लिए शहर से बाहर चले गए हैं, जिससे उपयुक्त बल्लेबाजी क्रम को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं। संभव है कि साई सुदर्शन उनकी जगह खेलें, लेकिन उनका स्लॉट अभी भी तय नहीं है। आलोचकों की नजरें पंत के फैसलों पर होंगी।
कोलकाता में पहले टेस्ट की सुबह तेज़ गेंदबाज़ों को देर से लाना भारत को भारी पड़ा और अब वही गलतियां दोहराने की गुंजाइश नहीं है।
साथ ही पंत को कोच गंभीर को टीम संयोजन पर अधिक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने के लिए मनाना होगा—खासकर तब जब भारतीय बल्लेबाजी क्रम में बाएं हाथ के बल्लेबाजों की भरमार है और हार्मर जैसे ऑफ स्पिनर के सामने वे बार-बार संघर्ष कर रहे हैं।
पिच को अंतिम समय में साफ-सुथरा बनाने की कोशिश भी बीसीसीआई प्रबंधन की बेचैनी को दर्शाती है। स्थानीय क्यूरेटर घास हटाने के दबाव में दिखे, जिससे यह स्पष्ट है कि बोर्ड नहीं चाहता कि यह मैच विवादों में घिर जाए।
ऑलराउंडर के रूप में अक्षर पटेल या कुलदीप यादव में से किसी एक को नीतीश कुमार रेड्डी की जगह मिल सकती है, ताकि पिच की नमी का लाभ लेने के लिए तीसरा तेज़ गेंदबाज़ उपलब्ध रहे।
बल्लेबाजी की अनिश्चितता को देखते हुए यह बदलाव टीम को कुछ स्थिरता दे सकता है। दक्षिण अफ्रीका का इरादा साफ है—वे इतिहास रचने के लिए किसी भी तरह का मौका हाथ से जाने नहीं देंगे।
भारत के सामने चुनौती केवल मैच जीतने की नहीं, बल्कि यह साबित करने की भी है कि टीम के भीतर नेतृत्व और योजनाओं को लेकर पैदा हुए संशय खेल से ऊपर नहीं हो सकते। इस टेस्ट में भारत सिर्फ एक विरोधी से नहीं, बल्कि अपने भीतर के संकट से भी लड़ने उतर रहा है।
भारतीय टीम : ऋषभ पंत (कप्तान और विकेटकीपर), केएल राहुल, यशस्वी जयसवाल, बी साई सुदर्शन, ध्रुव जुरेल, रवींद्र जड़ेजा, वाशिंगटन सुंदर, नीतीश कुमार रेड्डी, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, देवदत्त पडिक्कल, आकाश दीप
दक्षिण अफ्रीका टीम : तेम्बा बावुमा (कप्तान), कॉर्बिन बॉश, डेवाल्ड ब्रेविस, टोनी डी ज़ोरज़ी, ज़ुबैर हमज़ा, साइमन हार्मर, मार्को जानसन, केशव महाराज, एडेन मार्करम, वियान मुल्डर, सेनुरान मुथुसामी, लुंगी एनगिडी, रयान रिकेल्टन, ट्रिस्टन स्टब्स और काइल वेरिन



