जीएसटी अधिकारी ईमानदार करदाताओं के साथ विनम्र और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करें : वित्त मंत्री

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी अधिकारियों को ईमानदार करदाताओं के साथ विनम्र एवं सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से तेजी से पंजीकरण मंजूरी एवं शिकायत निवारण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और क्षेत्रीय इकाइयों से सक्रिय रूप से व्यापार करने में सुगमता लाने का भी आह्वान किया।केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने जियाबाद में नवनिर्मित केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) भवन के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में यह बात कही।सीतारमण ने कहा कि गाजियाबाद स्थित नया सीजीएसटी भवन, सुशासन के प्रति आधुनिक भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जहां बुनियादी ढांचा नवाचार से मिलता है और दक्षता सहानुभूति के साथ संरेखित होती है।सीतारमण ने कहा कि कर प्रशासन का अंतिम लक्ष्य ईमानदार करदाताओं के लिए जीवन को आसान बनाना है और ऐसा करने के लिए जीएसटी अधिकारियों को निर्धारित मानक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और अधिक सहानुभूति एवं शिष्टाचार दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा, ” यह महत्वपूर्ण है कि आप विनम्र बने रहें। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि अगली पीढ़ी के कराधान के अनुरूप काम करने के लिए भी अगली पीढ़ी के राजस्व बुनियादी ढांचे की जरूरत।वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी 2.0 ने वैश्विक स्तर पर उल्लेखनीय चर्चा पैदा की है और यह भारत के प्रगतिशील आर्थिक दृष्टिकोण का प्रतीक है। निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘आपके और व्यापारी के बीच कोई लोहे की दीवार नहीं है, बस हवा का एक झोंका है। आप समझ सकते हैं कि समस्या कहां है, बजाय इसके कि उसे और उलझाएं।’’ उन्होंने कहा कि इससे सीबीआईसी बोर्ड की ओर से यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार का कदाचार, कर्तव्यहीनता या अनैतिक व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।वित्त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि गाजियाबाद स्थित नया सीजीएसटी भवन, प्रशासनिक तालमेल और परिचालन दक्षता प्राप्त करने के लिए सीजीएसटी गाजियाबाद आयुक्तालय, सीजीएसटी लेखा परीक्षा आयुक्तालय और सीजीएसटी अपील आयुक्तालय, तथा वेतन एवं लेखा कार्यालय को एक ही छत के नीचे लाता है। नए अत्याधुनिक हरित परिसर में दो बेसमेंट और सात मंजिलें हैं, जो 2.21 एकड़ में फैले हैं और लगभग 300 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा प्रदान करते हैं। इसका निर्माण कुल 116 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है।



