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ट्रंप द्वारा बगराम एयर बेस का जिक्र करने से मची खलबली

राघवेन्द्र प्रताप सिंह: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के बगराम एयर बेस का हाल में ऐसा जिक्र किया कि अंतर्राष्ट्रीय महकमे में इसको लेकर सुर्खियों का बाजार गरम हो गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 18 सितंबर को बगराम एयर बेस का जिक्र किया और कहा है कि हम इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप ने इसे एक ब्रेकिंग न्यूज बताया है। डोनाल्ड ट्रंप ने ये बात ब्रिटेन की यात्रा के समापन पर ब्रिटिश पीएम केअर स्टॉर्मर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही। ट्रंप ने कहा है कि बगराम में अमेरिकी उपस्थिति अहम है क्योंकि यह चीन के करीब है। अब इसके बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि अमेरिका एक बार फिर से अफगानिस्तान में सैनिकों की तैनाती कर सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप ने बगराम एयर बेस को वापस लेने के कदम को चीन से मुकाबला करने की जरूरत से जोड़ा है। एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने बगराम एयर बेस का जिक्र किया और कहा- ‘‘हम उस बेस को इसलिए चाहते हैं क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं, यह उस जगह से एक घंटे की दूरी पर है जहां चीन अपने परमाणु हथियार बनाता है।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि 2021 में सत्ता में वापसी के बाद से ही तालिबान लगातार आर्थिक संकट, अंतरराष्ट्रीय वैधता, आंतरिक कलह और प्रतिद्वंद्वी आतंकवादी समूहों से जूझ रहा है। ऐसे में तालिबान अमेरिकी सेना को वापस आने की अनुमति देने के लिए तैयार हो सकता है।

आपको बता दें कि बगराम एयर बेस अफगानिस्तान के परवान प्रांत में स्थित है। ये काबुल से लगभग 50किलोमीटर उत्तर में है। बगराम एयरफील्ड में 11,800 फुट का रनवे है जो बमवर्षक और बड़े मालवाहक विमानों के परिचालन में सक्षम है। बगराम
अफगानिस्तान का सबसे बड़ा एयरबेस है। परवान को अफगानिस्तान के बड़े हिस्से को नियंत्रित करने की चाबी कहा जाता है। यहां ये 2.6 किलोमीटर लंबी सलांग सुरंग काबुल को मजार शरीफ और उत्तर के दूसरे शहरों से जोड़ती है। दक्षिण में गजनी और कंधार और पश्चिम में बामियान तक यहां से रोड जाते हैं। डोनाल्ड ट्रंप कुछ समय पहले ये भी दावा किया था कि बगराम एयर बेस को चीन ने अपने कब्जे में ले लिया है।

अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस अमेरिका के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम रहा है। तालिबान के खिलाफ लड़ाई और काबुल पर अपने नियंत्रण के लिए अमेरिका ने बगराम एयरबेस को अपना सैन्य अड्डा बनाया। साल 2021 में तालिबान की अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी हुई और अमेरिका ने काबुल छोड़ दिया। बगराम से भी अमेरिकी सैनिक चले गए लेकिन अब एक बार फिर अमेरिका की इस पर नजर है। इस बेस पर नियंत्रण के लिए ट्रंप प्रशासन काम कर रहा है।

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