प्रयागराज महाकुंभ: भगदड़ मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने की समीक्षा बैठक : बीएस राय

त्रिवेणी संगम पर 29 जनवरी को हुई भगदड़ जैसी घटना की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग सोमवार को यहां पहुंचा और समीक्षा बैठक की। दरअसल सरकार ने आयोग के कार्यकाल को कुछ दिनों के लिए बढ़ा दिया है। अब आयोग ने अपनी जांच को और तेज कर दिया है जिससे वह समय पर सरकार को जांच रिपोर्ट सौंप सके।
बैठक के बाद अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) भानु भास्कर ने संवाददाताओं को बताया, “न्यायिक जांच आयोग सुबह करीब 10 बजे यहां पहुंचा। यहां एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र में आयोग के सदस्यों ने कुंभ मेला अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और सभी विषयों और तथ्यों की जांच की।”
अधिकारी ने बताया, “आयोग ने विभिन्न संगठनों से बातचीत और अभिलेखों की जांच भी शुरू कर दी है। आयोग के सदस्यों द्वारा मांगे गए सभी अभिलेख अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आयोग की अगली बैठक महाशिवरात्रि के बाद होगी, जिसमें और दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे। आयोग के सदस्य वापस चले गए हैं।”
आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में भास्कर के अलावा मेलाधिकारी विजय किरण आनंद, डीआईजी (कुंभ) वैभव कृष्ण, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 29 जनवरी की सुबह महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए।
हिंदू कैलेंडर के सबसे शुभ दिनों में से एक मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों तीर्थयात्री पवित्र स्नान के लिए जगह पाने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे थे। इसके बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने घटना के लिए जिम्मेदार घटनाओं के क्रम का पता लगाने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया।
आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हर्ष कुमार हैं। पैनल के अन्य सदस्य उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक वी के गुप्ता और सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक अधिकारी (आईएएस) अधिकारी डी के सिंह हैं। न्यायिक आयोग ने अपने गठन के अगले ही दिन अपना काम शुरू कर दिया। इसे अपनी जांच पूरी करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।