NDA मुख्यमंत्रियों की बैठक में पीएम मोदी का चुनावी राज्यों पर फोकस, जानिए पूरी बैठक की इनसाइड स्टोरी

बीएस राय: दिल्ली में गुरुवार को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई शीर्ष नेता और एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मौजूद रहे। इस भव्य समारोह के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए नेताओं के साथ अहम बैठक की, जिसमें आगामी चुनावों की रणनीति पर चर्चा हुई।
एनडीए की एकजुटता पर जोर सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया कि एनडीए पूरी तरह एकजुट है और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी मिलकर काम करेंगे। उन्होंने बैठक में मौजूद नेताओं से कहा कि अगले दो साल में जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां एनडीए विपक्ष को हराकर सत्ता में वापसी करेगी।
बैठक में एनडीए नेताओं ने पीएम मोदी को भरोसा दिलाया कि महाराष्ट्र और दिल्ली की तर्ज पर एनडीए हर राज्य में मजबूती से चुनाव लड़ेगी और जीतेगी। आगामी चुनावों की सूची एनडीए की बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों पर चर्चा हुई। साल 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव होंगे। राजनीतिक दृष्टि से यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि बिहार में एनडीए और विपक्षी दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।
वर्ष 2026: असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होंगे। इन राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को विपक्ष से कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है।
वर्ष 2027: इस साल गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश और गुजरात को खास तौर पर भाजपा का गढ़ माना जाता है, जहां पार्टी अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए रणनीतिक कदम उठाएगी।
एनडीए की बैठक में आगामी चुनावों के लिए रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। इसमें चुनाव प्रचार, गठबंधन सहयोगियों के साथ समन्वय और विपक्षी दलों की रणनीति के विश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले चुनावों में भाजपा को क्षेत्रीय दलों की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, खासकर पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में, जहां पार्टी की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है। हालांकि, पीएम मोदी और भाजपा नेतृत्व को पूरा भरोसा है कि एनडीए की एकता और विकास का एजेंडा उन्हें जीत की ओर ले जाएगा।
दिल्ली में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद हुई इस बैठक ने यह साफ कर दिया है कि एनडीए पूरी तरह से एकजुट है और आगामी चुनावों के लिए कमर कस रही है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन अगले दो सालों में विभिन्न राज्यों में चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ेगा। अब देखना यह है कि विपक्ष इन चुनावों में किस तरह की रणनीति अपनाता है और एनडीए उसे किस तरह से चुनौती देता है।