भारतीय मूल के काश पटेल एफबीआई निदेशक बनने के और करीब पहुंचे

वाशिंगटन। भारतीय मूल के काश पटेल अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई निदेशक बनने के एक कदम और करीब पहुंच गए हैं। अमेरिकी सीनेट ने उनके नामांकन पर बहस शुरू करने के लिए 48-45 के मतों से मंजूरी दी है।

अब 30 घंटे की चर्चा की उलटी गिनती शुरू हो गई है, जिसके बाद गुरुवार को पटेल को अंतिम मंजूरी मिलने की उम्मीद है। अगर उनका नामांकन मंजूर हो जाता है, तो वे एफबीआई का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय मूल के व्यक्ति बन जाएंगे।

44 वर्षीय पटेल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने मंत्रिमंडल और प्रशासन में नामित किए गए सबसे विवादास्पद लोगों में से एक रहे हैं। वह एक पूर्व पब्लिक डिफेंडर हैं, जिन्होंने वाशिंगटन डीसी की राजनीति में तेजी से अपना प्रभाव बनाया है।

रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सीनेटरों ने पहले उनके नामांकन पर संदेह जताया था, लेकिन अंत में उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले का समर्थन किया। अन्य लोगों – राष्ट्रीय खुफिया निदेशक, स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर और रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के नाम की पुष्टि पार्टी-लाइन वोटिंग में हुई है, जिससे पटेल के भी जीत की उम्मीद है।

हालांकि, मैट गेट्ज, जिन्हें अटॉर्नी जनरल के पद के लिए नामित किया गया था, को अपना नाम वापस लेना पड़ा क्योंकि कुछ रिपब्लिकन सीनेटर उनके खिलाफ लगे आरोपों से असहज थे।

डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान उन्हें कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं, जिसमें रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ और राष्ट्रीय खुफिया के उप निदेशक के पद की भूमिका भी शामिल थी।

ट्रंप को अब एफबीआई का प्रमुख नोमिनेट किया गया है, एक एजेंसी जिसने 2021 में ट्रंप के खिलाफ वर्गीकृत दस्तावेजों के कथित दुरुपयोग और राष्ट्रपति जो बिडेन से 2020 के चुनाव में हार को पलटने की कोशिश करने के लिए जांच की थी।

पटेल की नियुक्ति को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब सभी की नजरें गुरुवार को होने वाले अंतिम मतदान पर हैं, जहां उनके एफबीआई निदेशक बनने का फैसला होगा।

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