ऋषभ पंत ने इसलिए ठुकराया दिल्ली की कप्तानी का ऑफर
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 1-3 से हारने के बाद बीसीसीआई सख्त हो गया है। उन्होंने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना जरूर कर दिया है।

ऐसे में 23 जनवरी से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी के दूसरे राउंड में ऋषभ पंत, रोहित शर्मा, विराट कोहली, शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ी खेलते हुए नजर आ रहे हैं।
इस बीच खबर आ रही है कि दिल्ली की टीम ने ऋषभ पंत को कप्तानी का ऑफर दिया था, मगर इस भारतीय विकेट कीपर ने टीम के हित में सोचते हुए कप्तानी का ऑफर ठुकरा दिया है। बता दें, ऋषभ पंत आईपीएल में कप्तानी करते हैं, वहीं एक बार उन्होंने भारतीय टीम की भी कप्तानी की है।
23 जनवरी को दिल्ली का मुकाबला सौराष्ट्र के खिलाफ राजकोट में है। डीडीसीए ने इस मैच के लिए टीम की घोषणा नहीं की है। ऋषभ पंत ने इस मुकाबले के लिए खुद को उपलब्ध बताया है, वहीं विराट कोहली के खेलने पर संशय कायम है। रिपोर्ट के अनुसार बोर्ड ने ऋषभ पंत को इस मैच में दिल्ली की टीम की कप्तानी का ऑफर दिया था। मगर ऋषभ पंत ने आयुष बदोनी को ही जारी रखने की सलाह दी।
पंत का मानना है कि एक मैच में कप्तान बनकर वह टीम का कॉम्बिनेशन बिगाड़ सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह बदोनी की मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे। बता दें, ऋषभ पंत का इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के स्क्वॉड में सिलेक्शन लगभग तय है।
मामले से परिचित सूत्र ने बताया, “उन्हें कप्तानी की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया, उन्होंने सुझाव दिया कि बदोनी को कप्तान बने रहना चाहिए। उनका मानना था कि केवल एक अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल फ्रैंचाइज़ी कप्तान के रूप में उनके अनुभव के आधार पर कप्तान के रूप में कदम रखना सही नहीं होगा।
उन्हें लगा कि कप्तान के रूप में उनके प्रवेश से टीम का संतुलन बिगड़ सकता है। इसके बजाय, उन्होंने मौजूदा कप्तान और कोच (सरनदीप सिंह) पर भरोसा जताया, ताकि वे सीजन की शुरुआत में उनके द्वारा देखे गए विजन को आगे बढ़ा सकें।” बता दें, ऋषभ पंत ने आखिरी रणजी मुकाबला 2018 में खेला था, वह 7 साल बाद घरेलू रेड बॉल क्रिकेट में कदम रखने वाले हैं।