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मनमोहन सिंह निधन पर क्यों हो रही सियासत, जानिए भाजपा और कांग्रेस के आमने-सामने होने के मायने

बीएस राय: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार से पहले उनके स्मारक को लेकर विवाद गहरा गया। प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर सम्मान न देने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने इसे ‘गंदी राजनीति’ करार दिया। कांग्रेस ने स्मारक निर्माण की मांग उठाई। केंद्र ने स्मारक के लिए जमीन आवंटन की पुष्टि की।

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार और स्मारक स्थल को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस घटना को पूर्व प्रधानमंत्री के पद और व्यक्तित्व का अनादर बताया।

प्रियंका गांधी का बयान प्रियंका गांधी ने लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के अंतिम संस्कार के लिए उचित स्थान उपलब्ध न कराकर सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के पद की गरिमा, मनमोहन सिंह जी के व्यक्तित्व, उनकी विरासत और स्वाभिमानी सिख समुदाय के साथ न्याय नहीं किया।” उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों को हमेशा सर्वोच्च सम्मान दिया जाता रहा है और मनमोहन सिंह जी भी इस सम्मान के हकदार हैं।

प्रियंका गांधी ने अपने पोस्ट में बताया कि अंतिम संस्कार स्थल पर जगह पाने के लिए मनमोहन सिंह के परिजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने यह भी कहा कि आम जनता को श्रद्धांजलि देने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर राजनीति और संकीर्णता से ऊपर उठकर सोचने की अपील की। भाजपा की प्रतिक्रिया इस मामले में भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करना अनुचित है। भाजपा प्रवक्ताओं ने कांग्रेस पर मनमोहन सिंह के नाम पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे उसी स्थान पर मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह उपलब्ध कराएं, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। उन्होंने इसे पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए बनाई गई परंपरा के अनुरूप बताया।

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए उचित स्थान आवंटित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम संस्कार और अन्य औपचारिकताएं जल्द ही पूरी की जा सकती हैं।

मनमोहन सिंह के निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। उनके योगदान की सभी राजनीतिक दलों ने सराहना की, लेकिन स्मारक और दफन स्थल को लेकर विवाद उनकी विरासत को लेकर उठ रहे सवालों को और गहरा कर सकता है। यह विवाद यह भी दर्शाता है कि राजनीतिक दल संवेदनशील मुद्दों पर किस तरह अपना हित साधने की कोशिश करते हैं।

इस घटना ने पूर्व प्रधानमंत्रियों के सम्मान की परंपरा और मौजूदा राजनीति की संकीर्णता के बीच का अंतर स्पष्ट कर दिया है। उम्मीद है कि यह मामला बिना और विवाद पैदा किए जल्द ही सुलझ जाएगा।

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