नौ साल बाद खिताब की ओर बढ़े कदम, भारत को घरेलू मैदान व दर्शकों से समर्थन मिलने की उम्मीद
घरेलू मैदान पर नौ साल बाद खिताब जीतने के सपने संजोए भारत ने पुरुष जूनियर हॉकी विश्व कप के अपने अभियान की शानदार शुरुआत करेंगी। शुक्रवार को पूल बी के अपने पहले मैच में टीम ने चिली को भारी अंतर से हराकर साबित कर दिया कि वह इस बार खिताब का मजबूत दावेदार है।
दो बार के विजेता भारत ने पिछली बार 2016 में लखनऊ में जीती थी, तब टीम का नेतृत्व वर्तमान में सीनियर महिला टीम के कोच हरेंद्र सिंह कर रहे थे। इस बार भारत के सामने चुनौती है कि वह घरेलू समर्थन और अनुभव का पूरा फायदा उठाकर 24 टीमों के बीच शीर्ष पर पहुंचे।
भारत और चिली के अलावा, पूल बी में ओमान और स्विट्जरलैंड भी शामिल हैं। पाकिस्तान ने सुरक्षा कारणों से भारत का दौरा करने से मना किया, जिससे उसकी जगह ओमान को अवसर मिला। भारत के अलावा अर्जेंटीना भी दो बार का विजेता है, जबकि जर्मनी सात खिताब के साथ सबसे सफल टीम है।

भारत को पिछली बार 2023 में कुआलालंपुर में चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। तब उसने कांस्य पदक के लिए स्पेन से 1-3 से हारा था। इस बार घरेलू मैदान और दर्शकों के समर्थन से टीम को फायदा मिलने की उम्मीद है।
टूर्नामेंट पीआर श्रीजेश के लिए बड़ी परीक्षा है, जो दो बार के ओलंपिक पदक विजेता गोलकीपर हैं और अब जूनियर टीम की कोचिंग कर रहे हैं। श्रीजेश ने मलेशिया में सुल्तान जोहोर कप में पेनल्टी कॉर्नर में गोल न कर पाने की कमजोरी पर ध्यान देते हुए टीम को विशेष प्रशिक्षण दिया है।
भारतीय कप्तान रोहित को पेनल्टी कॉर्नर की जिम्मेदारी बढ़ी है, क्योंकि अनुभवी ड्रैग फ्लिकर अरिजीत सिंह हुंडल कंधे की चोट के कारण बाहर हैं। लंबी कद की फॉरवर्ड लाइन, मिडफील्ड और डिफेंस को भी तेज़ जवाबी हमलों के लिए तैयार किया गया है। भारत-चिली के अलावा शुक्रवार को अन्य रोचक मुकाबले भी होंगे।
जर्मनी दक्षिण अफ्रीका से, कनाडा आयरलैंड से, अर्जेंटीना जापान से, स्पेन मिस्र से, न्यूजीलैंड चीन से, बेल्जियम नामीबिया से और ओमान स्विट्जरलैंड से भिड़ेगा।
18वीं रैंक की चिली के खिलाफ भारत के लिए जीत अपेक्षित है, लेकिन किसी भी टीम को कम आंकना महंगा पड़ सकता है। इस वजह से भारतीय टीम पूरी सतर्कता के साथ खेलते हुए टूर्नामेंट की शुरुआत धमाकेदार ढंग से करना चाहेगी।



