Trending

नई दिल्ली में 24 नवंबर से शुरू हुआ छठवां अंतरराष्ट्रीय कृषि विज्ञान सम्मेलन

राघवेंद्र प्रताप सिंह: छठवां अंतरराष्‍ट्रीय कृषि विज्ञान सम्‍मेलन-आईएसी 2025, 24 नवंबर से नई दिल्‍ली में शुरू हो गया है । कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस सम्‍मेलन का उद्धाटन किया गया है। इस आयोजन का मुख्य विषय: भविष्य की स्मार्ट, पोषण-सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल कृषि का निर्माण है और इस वर्ष का थीम है, “स्मार्ट कृषि–खाद्य प्रणालियों और पर्यावरण संरक्षण के लिए एग्रोनॉमी का पुनः-अवलोकन।”
तीन दिवसीय इस सम्‍मेलन में पूर्ण सत्र, विषयगत संगोष्ठियां, प्रमुख व्याख्यान, पोस्टर प्रस्तुतियां, प्रदर्शनी तथा एक समर्पित युवा वैज्ञानिक और छात्र सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय ने बताया कि यह कार्यक्रम एक हजार से अधिक वैश्विक प्रतिनिधियों की भागीदारी का साक्षी बन सकता है। यह कार्यक्रम विश्व स्तरीय वैज्ञानिक चर्चा के लिए एक मंच के रूप में भी काम करेगा। कृषि विश्‍वविद्यालयों के कुलपतियों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-आईसीएआर के उपमहानिदेशकों, औद्योगिक प्रतिनिधियों और कृषि-व्‍यापार के अग्रणी नवोन्‍मेषकों के साथ ही कई अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों के विशेषज्ञों के इस कार्यक्रम में शामिल होने की सम्‍भावना है।

भारतीय एग्रोनॉमी सोसाइटी (ISA) द्वारा आयोजित यह अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम ICAR, IARI, NAAS और TAAS के सहयोग से हो रहा है। तीन दिन तक कृषि क्षेत्र के अग्रणी वैज्ञानिक, नीति-निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय संगठन भविष्य की कृषि प्रणाली के रोडमैप पर विचार करेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय एग्रोनॉमी कांग्रेस (IAC-2025) सस्टेनेबल एग्रोनॉमी, जलवायु-सहिष्णु खेती और भविष्य की कृषि संरचना पर दुनिया का सबसे बड़ा वैज्ञानिक मंच है। यह 24 से 26 नवंबर तक नई दिल्ली के पूसा स्थित नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी (NPL) में आयोजित किया जा रहा है। कांग्रेस में जिन विषयों पर गहन विचार-विमर्श होगा, उनमें शामिल है :
कार्बन-न्यूट्रल कृषि मॉडल
इको-न्यूट्रिशन, पुनर्योजी (रीजेनेरेटिव) कृषि, डिजिटल एग्री-सिस्टम, किसान-नेतृत्व वाली नवाचार श्रृंखलाएं और
आधुनिक कृषि शिक्षा कार्यक्रम।

इसमें केंद्र सरकार की प्रमुख कृषि योजनाओं की उपलब्धियां भी प्रदर्शित की जाएगी। सम्मेलन में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों की उपलब्धियां और प्रगति प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ,मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पीएम-प्रणाम , डिजिटल कृषि मिशन , राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन और पीएम-किसान योजना।

इस सम्मेलन से पूर्व आयोजित बैठक में ICAR के डायरेक्टर जनरल डॉ. एम.एल. जाट ने कहा कि वर्ष 2020 की तुलना में देश में फसल अवशेष जलाने में 95% कमी दर्ज की गई है। उन्होंने इसे “बेहतर एग्रोनॉमिक प्रैक्टिस और खेत प्रबंधन तकनीकों का परिणाम” बताया और कहा कि वैश्विक स्तर पर सहयोग और नवाचार अपनाए बिना सस्टेनेबल एग्रोनॉमी संभव नहीं होगी। अंतर्राष्ट्रीय एग्रोनॉमी कांग्रेस आने वाले वर्षों में कृषि को अधिक उत्पादक, जलवायु-सहिष्णु, पर्यावरण-अनुकूल, पोषण के दृष्टि से सुरक्षित बनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल देगी। 1000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागी इस कार्यक्रम को दुनिया के सबसे प्रमुख वैज्ञानिक सम्मेलन के रूप में स्थापित करते हैं।

Related Articles

Back to top button