विश्व चैंपियन गुकेश को गोवा में होने वाले फ़िडे विश्व कप का बेसब्री से इंतज़ार
पणजी: विश्व शतरंज चैंपियन डी गुकेश गोवा लौटने के लिए उत्सुक हैं। उनके लिए गोवा एक ऐसा गंतव्य है, जो उनके शुरुआती खेल के दिनों से ही उनकी खास यादें संजोए हुए है।
अब गुकेश यहाँ होने जा रहे प्रतिष्ठित फिडे विश्व कप 2025 में भारतीय दल का नेतृत्व करने की तैयारी कर रहे हैं। प्रतियोगिता में शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के तौर पर हिस्सा लेने जा रहे गुकेश ने कहा, “ मैं विश्व कप को लेकर वाकई उत्साहित हूँ।
भारत में कहीं भी खेलना शानदार होता है और गोवा से जुड़ी मेरी कुछ बेहतरीन यादें जुड़ी हैं। मैंने वहाँ कुछ जूनियर इवेंट खेले हैं। इसलिए, वहाँ होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूँ।”

गुकेश ने आखिरी बार 2019 में गोवा में खेला था और टूर्नामेंट की शुरुआत में काफ़ी नीचे वरीयता प्राप्त होने के बावजूद श्रेणी ‘ए’ गोवा इंटरनेशनल ओपन ग्रैंडमास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट में 10वें स्थान पर रहे थे।
मौजूदा विश्व चैंपियन के रूप में देश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में से एक माने जाने वाले गोवा लौट रहे गुकेश इस तटीय राज्य की एक और यादगार यात्रा बनाने के लिए उत्सुक है।
विश्व शतरंज कैलेंडर के सबसे प्रमुख टूर्नामेंटों में से एक फिडे विश्व कप 23 वर्षों के अंतराल के बाद भारत में आयोजित किया जा रहा है और यह 31 अक्टूबर से 27 नवंबर, 2025 तक उत्तरी गोवा के एक रिसॉर्ट में खेला जाएगा।

82 देशों के कुल 206 खिलाड़ी इस 20,00,000 डॉलर की पुरस्कार राशि वाली प्रतियोगिता में भाग लेंगे, जो नॉक-आउट प्रारूप में खेली जाएगी और शीर्ष तीन खिलाड़ी 2026 में कैंडिडेट्स प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई करेंगे। गुकेश को शुरुआती दौर में बाई मिली है। दूसरे दौर में उनका सामना कज़ाकिस्तान के काज़ीबेज़ नोगेरबेक से होने की संभावना है।
एक और शीर्ष खिलाड़ी जो $120,000 की विजेता राशि जीतने के लिए उत्सुक हैं, वे हैं डच ग्रैंडमास्टर अनीश गिरी, जो 2025 के FIDE ग्रैंड स्विस टूर्नामेंट के ज़रिए कैंडिडेट्स के लिए पहले ही क्वालीफाई कर चुके हैं।
2026 के कैंडिडेट्स में अपनी जगह पक्की कर चुके गिरी )जो अगले विश्व चैंपियनशिप चक्र में गुकेश के लिए चुनौती पेश करेगा), फ़िडे विश्व कप में जाने का दबाव थोड़ा कम होगा। इस प्रतियोगिता में सर्वोच्च रैंक वाले विदेशी खिलाड़ी गिरी ने कहा, “विश्व कप एक शानदार आयोजन है और मैं इसमें खेलने जा रहा हूँ। इसमें खेलना मज़ेदार है।”
2025 के फिडे विश्व कप के माध्यम से कैंडिडेट्स 2026 के लिए क्वालीफाई करने के लक्ष्य को लेकर अधिकांश शीर्ष खिलाड़ियों पर पड़ने वाले दबाव के बारे में बात करते हुए, गिरी ने कहा, “प्रारूप चाहे जो भी हो, यह एक बहुत ही मुश्किल क्वालीफिकेशन पथ है। मैंने इनमें से कई (विश्व कप) खेले हैं।
एक बार मैं विश्व कप के माध्यम से क्वालीफाई करने के बहुत करीब पहुँच गया था। मैं सेमीफाइनल में पीटर स्विडलर (2015 में) से हार गया था।” 2005 से फिडे विश्व कप नॉक-आउट प्रारूप में खेला जा रहा है और टूर्नामेंट के इतिहास में अब तक केवल भारत के विश्वनाथन आनंद और आर्मेनिया के लेवोन अरोनियन ही दो बार खिताब जीतने में सफल रहे हैं।



