दिल्ली की राजनीति: AAP ने आतिशि को दे दी ये बड़ी जिम्मेदारी, क्या बीजेपी की बढ़ेगी मुश्किल

बीएस राय: दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है। आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को दिल्ली विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया है। इस अहम फैसले की औपचारिक घोषणा पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने की। उन्होंने बताया कि विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से आतिशी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बैठक में संदीप पाठक को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया, जबकि विधायक संजीव झा ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। आप की नई रणनीति और विपक्ष की भूमिका नेता विपक्ष चुने जाने के बाद आतिशी ने कहा कि दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को विपक्ष की भूमिका दी है और पार्टी इसे पूरी तरह से निभाएगी।
उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेगी। उन्होंने खास तौर पर 2500 रुपये की सहायता योजना का जिक्र किया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी बताया। आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस योजना को लागू करने के लिए संघर्ष करेगी।
दिल्ली विधानसभा का आठवां सत्र 24 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल की 14 लंबित कैग रिपोर्ट पेश की जाएंगी। 25 फरवरी को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना सदन में अपना अभिभाषण देंगे और उसके बाद इस पर चर्चा होगी।
विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव 27 फरवरी को होगा। भाजपा ने वरिष्ठ विधायक विजेंद्र गुप्ता और मोहन सिंह बिष्ट को क्रमश: अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए नामित किया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता 24 फरवरी को विजेंद्र गुप्ता के नाम का प्रस्ताव रखेंगी, जिसका समर्थन मनजिंदर सिंह सिरसा करेंगे।
20 फरवरी को दिल्ली में भाजपा की नई सरकार बनी, जिसमें रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया। वह दिल्ली की नौवीं और चौथी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। विधानसभा में भाजपा के पास 48 विधायकों का बहुमत है, इसलिए पार्टी का स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पद पर कब्जा तय माना जा रहा है।
आतिशी के विपक्ष की नेता बनने से आम आदमी पार्टी को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है। उनकी नेतृत्व क्षमता और नीतियों पर पकड़ को देखते हुए माना जा रहा है कि वह विधानसभा में प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाएंगी। दिल्ली की जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें अब इस बात पर टिकी होंगी कि आतिशी और उनकी पार्टी दिल्ली सरकार को किस तरह घेरती है और आने वाली नीतियों को किस तरह प्रभावित करती है।