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Congress CWC Meeting: 10 सालों में 40 चुनाव हारी कांग्रेस, 2025 में रहेगा संगठन पर फोकस

बीएस राय: बेलगाम में हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में संगठन को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया। अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2025 को संगठन को मजबूत करने का वर्ष घोषित किया। पार्टी संविधान यात्रा के जरिए कार्यकर्ताओं को सक्रिय करेगी। पिछले 10 सालों में सीडब्ल्यूसी की 24 बैठकें हुईं, लेकिन चुनावी प्रदर्शन चुनौती बना रहा।

बेलगाम में हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस ने संगठन को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफ किया कि वर्ष 2025 संगठन के पुनर्निर्माण और उसे सशक्त बनाने का वर्ष होगा। उन्होंने कहा कि सभी रिक्त पदों को भरने के साथ संगठनात्मक ढांचे को बेहतर बनाया जाएगा।

कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने के लिए “संविधान यात्रा” शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। यह पहली बार नहीं है कि सीडब्ल्यूसी ने संगठन को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने का फैसला किया है, लेकिन पिछले अनुभवों को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस बार अपने फैसलों को कितने प्रभावी ढंग से लागू कर पाती है।

2014 में मनमोहन सिंह की सरकार गिरने के बाद से अब तक सीडब्ल्यूसी की 24 बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों के बावजूद कांग्रेस पिछले 10 सालों में 40 से ज्यादा चुनाव हार चुकी है। 2014 के बाद कांग्रेस को पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक जैसे कुछ चुनिंदा राज्यों में ही जीत मिली है। हालांकि, इन सफलताओं के बावजूद पार्टी देश के कई बड़े राज्यों में लगातार हार रही है।

कांग्रेस कार्यसमिति पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण संस्था है। यह समिति न केवल पार्टी के बड़े फैसले लेती है, बल्कि संगठन को दिशा देने का काम भी करती है। इसमें स्थायी और विशेष सदस्यों सहित 25 सदस्य हो सकते हैं।

सीडब्ल्यूसी की बैठकों में अक्सर पार्टी को पुनर्गठित करने और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने पर चर्चा होती रही है। 2018 में वर्धा की बैठक में संगठन को मजबूत करने की बात हुई थी, लेकिन कई फैसले सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गए। इसी तरह 2022 के उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए फैसलों पर भी बड़े पैमाने पर अमल नहीं हुआ।

पिछले अनुभवों को देखते हुए कांग्रेस के लिए अपने फैसलों को लागू करने के लिए ठोस योजना बनाना जरूरी है। संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ पार्टी को जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने और युवाओं को पार्टी से जोड़ने की जरूरत है।

कांग्रेस की चुनौतियां और चुनावी प्रदर्शन पार्टी की स्थिति को साफ तौर पर दर्शाते हैं। अब देखना यह है कि बेलगाम बैठक के फैसले पार्टी को नई दिशा दे पाते हैं या नहीं।

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