पत्रकारिता के सम्मान का नाम है ‘शिशिर’
मीडिया या सूचनाओं की दुनिया के विस्तार का ये सबसे बड़ा और चुनौतीपूर्ण दौर है। खासकर चरम पर पंहुचते बेकाबू सोशल मीडिया के इस युग में सच को परोसने से ज्यादा जरूरी है झूठ को रोकना और झूठ के सामने सच खड़ा करना।
भारत में हिन्दी भाषा सूचना का सबसे बड़ा माध्यम है और हिन्दी पट्टी की मीडिया का सबसे बड़ा हब उत्तर प्रदेश है। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के विस्तार ने मीडिया का दायरा बहुत बढ़ा कर दिया है। किसी भी सरकार के लिए पहले की अपेक्षा अब मीडिया कॉर्डिनेशन का काम पचास गुना बढ़ गया है। बेलगाम सोशल मीडिया पर झूठ हावी हो जाए तो मुख्यधारा की पेशेवर मीडिया के माध्यम से सच के दीए से झूठ का अंधेरा मिटाया जाता है। झूठ,अफवाहबाजी और नकारात्मक एजेंडों से निपटने और सरकार की खूबियों और जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए सरकारी सूचना तंत्र को अब पत्र-पत्रिकाओं, टीवी चैनलों के अतिरिक्त इंटरनेट की वेब/डिजिटल और खासकर सोशल मीडिया की दुनिया से रिश्ता बनाकर रखना बेहद चुनौतीपूर्ण है। हांलांकि ये ऐसे ही मुश्किल है जैसे समुद्र की धाराओं/लहरों को बस में रखने की कोशिश।
भारत की सबसे बड़ी हिन्दी मीडिया के सबसे बड़े उत्तर प्रदेश का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग इन चुनौतियों पर खरा उतरने के साथ शुभ और सौभाग्यशाली साबित हो रहा है।
पिछले लगभग साढ़े सात वर्षों की एतिहासिक उपलब्धियों में यूपी के सूचना तंत्र को भी बड़ा श्रेय जाता है।
निम्न सूचनाओं या सुर्खियों पर ग़ौर कीजिए जो ऐतिहासिक रहीं-
- करीब चार दशक के बाद यूपी में दोबारा मुख्यमंत्री बनने और सरकार रिपीट होने का रिकार्ड बनना
- यूपी की योगी सरकार दूसरी बार और केंद्र की मोदी सरकार तीसरी बार रिपीट होना।
- यूपी में नौ सीटों के चुनाव में सत्तारूढ़ दल की एतिहासिक जीत
- बहुप्रतीक्षित राममंदिर के फैसले पर शांति-अमन का वातावरण
- अयोध्या में राममंदिर का शिलान्यास
- फिर भव्य और दिव्य राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का चर्चित कार्यक्रम शांतिपूर्ण सम्पन्न होना
- जातिवाद, गुंडाराज, दिमागी बुखार, साम्प्रदायिक दंगो और बीमारू राज्य जैसी कमजोरियों से मिली यूपी को मुक्ति
- सरकारी और गरीबों की जमीनों पर गुंडों-माफियाओं के अवैध कब्जों को मुक्त कराना
- योगी सरकार की परफार्मेंस से मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा और छत्तीसगढ़ जैसी हिन्दी पट्टी की जनता भी प्रभावित हुई, और चुनावी सफलता मिली
- यूपी की योगी सरकार के एकता और एकजुटता के संदेश ने महाराष्ट्र में भी एतिहासिक सफलता हासिल की
- पिछले साढ़े सात वर्षों में उत्तर प्रदेश के हर विधानसभा सत्र की कार्य संस्कृति, स्वस्थ चर्चा और सौहार्द पूर्ण वातावरण ने एक मिसाल क़ायम की
कभी गुंडाराज के लिए बदनाम आज उत्तर प्रदेश की उत्तम कानून व्यवस्था देश के लिए नज़ीर बनी है। इस उपलब्धि में यहां के कुशल सूचनातंत्र को भी श्रेय जाता है। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचा कर गुड गवर्नेंस की सच्चाई बयां करने के साथ यूपी के सूचना विभाग ने गृह विभाग का भी काम आसान किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में आखिर कौन-कौन सी ऐसी खूबियां रही कि वो देश के अत्यंत लोकप्रिय नेता बन गए।
उनके शासन में ऐसा क्या था कि क़रीब चार दशक का रिकार्ड तोड़कर यूपी की जनता ने उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया।
क्यों योगी सरकार के मॉडल को देश के अन्य राज्य फॉलो करने का प्रयास करने में लग गए। और योगी सरकार के मॉडल को अपनाकर तमाम राज्यों में भाजपा चुनावी सफलता भी हासिल करने में सफल हुई।
क्या ऐसी वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी योगी आदित्यनाथ की गवर्नेंस पर गर्व करने लगे।
कोई तो कारण होगा जो देश की जनता योगी-योगी जपने लगी।
गुजरात हो, महाराष्ट्र हो, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान या कोई दूसरा सूबा हो,जहां-जहां योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार किया वहां-वहां भाजपा को एतिहासिक विजय प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री योगी के भाषण देश की जनता के दिलों दिमाग पर इसलिए असर करते हैं क्योंकि उसमें सार्थकता होती है,तथ्य और तर्क होते हैं। उन्होंने ना सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि देश की राजनीति में सनातन एकता को तोड़ने वाली जाति की राजनीति का मायाजाल तोड़ा है। उत्तर प्रदेश की जनकल्याणकारी उपलब्धियों की लम्बी फेहरिस्त है। जिसमें अहम है कानून व्यवस्था। योगी आदित्यनाथ जब पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था थी। आम जनता, व्यापार, विकास, पर्यटन और निवेश के लिए सबसे बड़ी बाधा गुंडे-माफियाओं से निपटने के लिए योगी सरकार के सख्त फैसले ही काफी थे लेकिन कानून व्यवस्था को चुनौती देने की साजिशों को धराशाई करना वाकई मुश्किल था। सी ए ए- एन आर सी के विरोध के नाम पर दिल्ली और देश के कई राज्यों में हिंसा फैलाने की साजिश में अराजक तत्वों का सबसे बड़ा लक्ष्य उत्तर प्रदेश था। योगी सरकार की कुशल कानून व्यवस्था ने ऐसी साजिश को धराशाई कर दिया। अग्निवीर योजना का विरोध हो या किसान आंदोलन हो, धर्म के नाम पर पत्थरबाजी हो या साम्प्रदायिक दंगों की सुनियोजित साजिशें हों, हर चुनौती पर योगी सरकार खरी उतरी। अपराध, अपराधियों,भूमाफियाओं, गुंडे-माफियाओं के हौसलों को योगी सरकार के सख्त फैसलों का बुल्डोजर ध्वस्त करता रहा। बहुचर्चित और बहु प्रतीक्षित राममंदिर के फैसले पर भी अमन-शांति रही और परिंदा पर नहीं मार सका। ऐसे जटिल अवसरों पर बेलगाम सोशल मीडिया के इस दौर में सच को सामने रखकर झूठ और अफवाहों पर काबू करना काफी मुश्किल था। सच और झूठ की लड़ाई में सच का साथ देने वाला योगी का सूचनातंत्र सशक्त ना होता तो विरोधियों की सुनियोजित साजिशों से यूपी की कानून व्यवस्था को संभालना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था। इसी तरह कोविड के कठिन दौर में भी यूपी का सूचनातंत्र मजबूती से काम ना कर पाता तो इतनी बड़ी आबादी वाले यूपी के कोविड प्रबंधन की तारीफ में दुनिया में डंके नहीं बजते।
सिर्फ क़ानून व्यवस्था के ही नहीं रोजगार,पर्यटन, व्यापार, निवेश, खेती-किसानी,स्वास्थ्य, शिक्षा सौहार्द,अमन,शांति-सुरक्षा और जनकल्याण के विकास के हर प्रयास के पंख होती है सूचना। इसलिए यदि यूपी के विकास का पंख यहां का सूचनातंत्र है तो इन पंखों की ताक़त और हौसलों का नाम है शिशिर। जिन्होने प्रदेश के सामने खड़ी हर चुनौती का सूचना के हथियार से मुकाबला किया है। अफवाहों और झूठ से मुकाबला करते सच को आगे बढ़ाने की दक्षता में निपुण शिशिर का योगदान यूपी की हर उपलब्धि में शामिल है। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और जनता के बीच मजबूत सेतु सूचना निदेशक कई वर्षों से अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। कोविड प्रबंधन हो, राम मंदिर फैसला, शिलान्यास ,प्राण प्रतिष्ठा या किसी भी महत्वपूर्ण समय पर कानून व्यवस्था को संभालने में सही सूचनाओं का प्रसार हमेशा मददगार रहा।
कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिर्फ रिजल्ट पर विश्वास करते है। और रिजल्ट देने वाला ही उनका विश्वसनीय होता हैं। उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक शिशिर मुख्यमंत्री के बेहद विश्वसनीय अफसरों में शामिल हैं। कारण ये है कि इन्होंने लगातार बेहतर रिजल्ट दिया है। मीडिया परिवार से भी उनका मधुर रिश्ता है। कवरेज की सुविधाओं से लेकर लघु समाचार पत्र-पत्रिकाओं को सहयोग करने की जिम्मेदारी वो बखूबी निभाते हैं। स्थापित लीडिंग पत्र-पत्रिकाओं से लेकर न्यूज चैनल्स के साथ बेहतर सामंजस्य बनाने में वो माहिर है। डिजिटल मीडिया के जरिए जनहित की कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में सूचना निदेशक ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पत्रकारों की कवरेज की सुविधाएं में सहयोग से लेकर किसी भी पत्रकार के अस्वस्थ होने पर इलाज के लिए शिशिर जी हर संभव मदद करते हैं।
आज शिशिर जी का जन्मदिन है। उन्हें बधाइयां और शुभकामनाओं का सिलसिला सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।
अर्थ देखा, जाना शीतकाल हो तुम,
सर्दियों में धूप सा अहसास हो तुम।
जन्मदिन की मंगलकामनाएं