शांति के लिए दुनिया की निगाहें भारत पर टिकींः आदित्यनाथ
-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 'हिन्दुस्थान समाचार' के कार्यक्रम को किया संबोधित
लखनऊ। बहुभाषी न्यूज एजेंसी ‘हिन्दुस्थान समाचार’ के ‘अमृत-पर्व प्रवेश समारंभ-2022’ का सोमवार को आगाज हो गया। ‘अमृत-पर्व प्रवेश समारंभ-2022’ के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विश्व की वर्तमान स्थिति और यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच दुनिया की निगाहें शांति की अपेक्षा के साथ भारत पर टिकी हुई हैं। भारत ने कोविड काल में प्रबंधन के क्षेत्र में दुनियाभर में अपना लोहा मनवाया है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में सेवाभाव से कार्य करते हुए ‘हिन्दुस्थान समाचार’ ने अपने 74 वर्ष पूरे कर लिए हैं। वह अब अपने अमृत काल में प्रवेश कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में भी न्यूज एजेंसी भविष्य की चुनौतियों का सामना करते हुए लोगों तक गुणवत्तापूर्ण समाचार पहुंचाती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ के संक्षिप्त इतिहास और भारतीयता को समर्पित उसके कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ के संस्थापक बाबा साहेब आप्टे, एजेंसी को नई उंचाइयों पर ले जाने वाले बालेश्वर अग्रवाल और एजेंसी को दोबारा प्रारंभ करने वाले श्रीकांत जोशी का आदरपूर्वक स्मरण किया। उन्होंने कहा कि ‘हिन्दुस्थान समाचार’ ने आजादी के बाद भारतीयता को विशेष महत्व देते हुए सत्य, संवाद और सेवा को अपना ध्येय माना। मुख्यमंत्री ने इसके लिए ‘हिन्दुस्थान समाचार’ के अध्यक्ष अरविंद मार्डीकर और उनकी पूरी टीम को शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पत्रकारिता कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है। प्रिंट, विजुअल और डिजिटल मीडिया के साथ ही लोगों का दृष्टिकोण बदला है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में इन चुनौतियों का सामना करते हुए ‘हिन्दुस्थान समाचार’ आगे बढ़ेगी। उन्होंने इस दौरान ‘हिन्दुस्थान समाचार’ की पत्रिकाओं ‘नवोत्थान’ और ‘युगवार्ता’ का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इनसे भी जुड़ने का अवसर मिला है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी जोशी ने कहा है कि आज ध्येयवादी पत्रकारिता की जरूरत है। भैयाजी ने कहा कि जो कुछ कहना है उसमें स्पष्टता चाहिए और कहते समय परिवर्तन की अपेक्षा रखते हुए कुछ आग्रह भी चाहिए। परंतु, ये सब बातें गुणात्मक तभी बनेंगी जब इसको करने वाले की भूमिका प्रामाणिक रहेगी। यह तभी दिशा दर्शक भी बनेगा। समाज को निर्भय बनाने वाला बनेगा। समाज को दिशा देने वाला बनेगा। उसी के आधार पर देश का लोकतंत्र स्वस्थ बना रहेगा। लोकतंत्र का स्वस्थ रहना देश, समाज और राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक शर्त है। लेकिन, जब तक समाज जागरूक होकर सही दिशा में चलने वाला नहीं बनेगा, तब तक लोकतंत्र भी सफल नहीं हो सकता। इस तरह का दायित्व ‘हिन्दुस्थान समाचार’ अपने स्थापना के समय से ही लेकर चल रही है।
भैयाजी ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में 75 वर्ष पूर्ण करना आसान नहीं है, लेकिन वही लोग पूरा करते हैं जो पत्रकारिता को धर्म मानकर काम करते हैं। ‘हिन्दुस्थान समाचार’ की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। उन्होंने कहा-‘मैं समझता हूं कि भविष्य में पत्रकारिता के क्षेत्र में जो आदर्श अपेक्षित हैं, उसको प्राप्त करने में सफलता हासिल होगी। भविष्य के लिए शुभकामनाएं।’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने कहा कि ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को आने वाले समय में भारत का सटीक और सही चित्रण विश्व पटल पर रखने में बड़ी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि ‘हिन्दुस्थान समाचार’ ने देश की आजादी के बाद भारतीय भाषाओं में समाचार देने में बड़ी भूमिका निभाई थी। एक एजेंसी की सबसे बड़ी भूमिका यथास्थिति और स्पष्ट तथा पुष्ट जानकारी देने की होती है। आज के समय में यह भूमिका और भी अधिक बड़ी हो जाती है।
‘हिन्दुस्थान समाचार’ के कार्यकारी अध्यक्ष अरविन्द मार्डीकर ने कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य पर चर्चा की। इसके पहले कार्यकारी अध्यक्ष अरविन्द मार्डीकर और महाप्रबंधक जितेन्द्र तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैयाजी जोशी को पुष्पगुच्छ प्रदानकर स्वागत किया।
कार्यकारी संपादक ब्रजेश झा ने सुनील आम्बेकर को पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र प्रदानकर स्वागत किया। ‘युगवार्ता’ के संपादक संजीव कुमार ने पुष्पगुच्छ देकर पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक रामकुमार वर्मा का स्वागत किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, पूर्व मंत्री स्वाति सिंह, भाजपा के विधान परिषद सदस्य सुभाष यदुवंश समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि दादा साहब आप्टे ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ की स्थापना 10 अप्रैल, 1948 को की थी। देवनागरी लिपि में टेलीप्रिंटर के आविष्कार का श्रेय दादा साहब आप्टे को है।