अफगानिस्तान में 20 दिन की बच्ची का शादी के लिए सौदा, यूनिसेफ ने जताई चिंता
काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान राज की वापसी के साथ ही चारो तरफ भय, भूखमरी, और कंगाली दिखने लगी है। देश के साथ आम जनता की आर्थिक स्थिति हर दिन के साथ बदतर होती जा रही है।
अफगानिस्तान में भुखमरी का सामना कर रहे लोगों के पास अब खाना के लिए अपने परिजनों को बेचने के लिए मजबूर हैं। अफगानिस्तान में शादी के लिए नौ साल की बच्ची को बेचने की हाल की खबर के बाद अब पैसे के लिए 20 दिन की मासूम बच्ची की शादी के लिए सौदा हुआ है।
इस पर यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोरे ने देश में बाल विवाह पर चिंता जताते हुए कहा है कि हमें विश्वसनीय रिपोर्ट मिली है कि कई परिवार बतौर दहेज धन के लालच में अपनी 20 दिन की मासूम बच्ची का भी सौदा कर रहे हैं।’
अफगानिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद यूनिसेफ के साझेदारों ने हेरात एवं बदख्शां प्रांतों में वर्ष 2018 एवं 2019 में भी बाल विवाह के 183 व बच्चों की बिक्री के 10 मामले पंजीकृत किए थे। बच्चों की उम्र छह महीने से 10 साल के बीच थी। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी का आकलन है कि अफगानिस्तान की 28 फीसद महिलाओं की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में हुई है।
यूनिसेफ का कहना है कि कोविड-19 महामारी, खाने-पीने के सामान की किल्लत और ठंड के दौरान पैदा होने वाली अन्य समस्याओं ने परिवारों को इस कठिन विकल्प को चुनने के लिए मजबूर किया है। इनमें बच्चों से काम करवाना और कम उम्र में लड़कियों की शादी करना शामिल हैं।