शुभ है इस साल की मत्स्य जयंती, जानें भगवान विष्णु ने क्यों लिया था ये अवतार, कैसे रोका था दुनिया का विनाश

शुभ है इस साल की मत्स्य जयंती, जानें भगवान विष्णु ने क्यों लिया था ये अवतार, कैसे रोका था दुनिया का विनाशआज देशभर में मत्स्य जयंती मनाई जा रही है। बता दें चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ये जयंती मनाई जाती है। यह त्यौहार भगवान विष्णु के पहले अवतार भगवान मत्स्य की जयंती को चिंहित करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान मत्स्य के रूप में भगवान विष्णु ने अपना सबसे पहला अवतार लिया था। उन्होंने मछली का रूप धारण किया था और दुनिया को विनाश से बचाया था। मत्स्य जयंती पर भगवान विष्णु के लिए विस्तृत पूजा का आयोजन किया जाता है। इसी के साथ लोग जरूरतमंदों को कपड़े और अन्य चीजें दान करते हैं।
कब है मत्स्य जयंती 2024?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि बुधवार 10 अप्रैल को शाम 05 बजकर 32 मिनट पर प्रारंभ होगी। गुरुवार 11 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। उदयातिथि तिथि के आधार पर मत्स्य जयंती 11 अप्रैल गुरुवार को मनाई जाएगी।

मत्स्य जयंती पर बन रहे 3 शुभ योग

इस साल की मत्स्य जयंती शुभ है क्योंकि इसपर 3 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। मत्स्य जयंती के दिन रवि योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग बनेंगे। रवि योग प्रात: काल 6 बजे से प्रारंभ होगा और देर रात 01 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। प्रीति योग भी प्रात: काल से शुरू होगा और सुबह 07 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। प्रीति योग के बाद आयुष्मान योग प्रारंभ होगा, जो 12 अप्रैल शुक्रवार को प्रात: 04 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। बता दें, मत्स्य जयंती वाले दिन कृत्तिका नक्षत्र सुबह से लेकर देर रात 01 बजकर 38 मिनट है, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र लग जायेगा।

भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार लेने की कहानी

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने अपना पहला अवतार मछली के रूप में लिया था। उन्होंने अपना मत्स्य अवतार पुष्पभद्रा नदी के किनारे लिया था। मत्स्य जयंती पर भगवान विष्णु प्रकट हुए और उन्होंने भयानक जल प्रलय से दुनिया की रक्षा की थी। भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार ने अधर्म का नाश करके, धर्म की स्थापना की थी। बता दें, विष्णु जी का मत्स्य अवतार ज्ञान और शिक्षा का भी प्रतीक माना जाता है। मान्यताओ के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के इस अवतार की पूजा करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही मन से मांगी गयी सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

विष्णु जी के मत्स्य अवतार के इन मंत्रों का करें जाप

‘ॐ मत्स्याय नमः’

‘ॐ महाशयाय नमः’

‘ॐ महातेजसे नमः’

‘ॐ मुखमहानभसे नमः’

‘ॐ महाभूतपालकाय नमः’

‘ॐ मरुत्पतये नमः’

‘ॐ मनोमयाय नमः’

‘ॐ मानवर्धनाय नमः’

‘ॐ महोदराय नमः’

‘ॐ मध्यरहिताय नमः’

‘ॐ मोहकाय नमः’

‘ॐ महोदयाय नमः’

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