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 सोमवती अमावस्या व्रत से होती हैं सभी मनोकामनाएं पूरी

हिन्दू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व होता है। पंडितों का मानना है कि इस पावन दिन पितरों का तर्पण करने से उनका विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है एवं जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
आज सोमवती अमावस्या है, सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या कहलाती है। इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व होता है, तो आइए हम आपको सोमवती अमावस्या व्रत का महत्व एवं पूजा विधि के बारे में बताते हैं।
जानें सोमवती अमावस्या के बारे में खास बातें

हिन्दू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व होता है। पंडितों का मानना है कि इस पावन दिन पितरों का तर्पण करने से उनका विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है एवं जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यही नहीं इस दिन लक्ष्मी पूजन का भी विशेष महत्व होता है। इस बार सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल 2024 सोमवार को पड़ रही है।

सोमवती अमावस्या से जुड़ी पौराणिक कथा

सोमवती अमावस्या हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। हमारे शास्त्रों में इससे सम्बन्धित अनेक कथाएं प्रचलित हैं। पंडितों की मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन इन कथाओं को विधिपूर्वक सुना जाता है। इस कथा के अनुसार एक गरीब ब्रह्मण परिवार था जिसमें पति, पत्नी के अलावा एक पुत्री थी। पुत्री धीरे धीरे बड़ी होने लगी। वह लड़की सुन्दर, संस्कारवान एवं गुणवान भी थी, लेकिन गरीब होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था। एक दिन ब्रह्मण के घर एक साधु पधारे, जो कि कन्या के सेवाभाव से बहुत प्रसन्न हुए। कन्या को लम्बी आयु का आशीर्वाद देते हुए साधु ने कहा की कन्या के हथेली में विवाह योग्य रेखा नहीं है। ब्राह्मण दम्पति ने साधु से उपाय पूछा कि कन्या ऐसा क्या करे की उसके हाथ में विवाह योग बन जाए। साधु ने कुछ देर विचार करने के बाद अपनी अंतर्दृष्टि से ध्यान करके बताया कि कुछ दूरी पर एक गाँव में सोना नामक धोबी जाति की एक महिला अपने बेटे और बहू के साथ रहती है। वह स्त्री बहुत संस्कारवान तथा पति परायण है। यदि यह कन्या उसकी सेवा करे और वह महिला इसकी शादी में अपने मांग का सिन्दूर लगा दे, उसके बाद इस कन्या का विवाह हो तो इस कन्या का वैधव्य योग मिट सकता है। साधू ने यह भी बताया कि वह महिला कहीं आती जाती नहीं है। यह बात सुनकर ब्रह्मणी ने अपनी बेटी से धोबिन कि सेवा करने कि बात कही।सोमवती अमावस्या के दिन इस पूजा से होगा लाभ

सोमवती अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर भगवान का ध्यान करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत करें। सोमवती अमावस्या के व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है इसलिए भगवान शिव की अराधना कर उन्हें भोग लगाएं। भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की आरती करें। शिव जी के आर्शीवाद हेतु आप दिनभर ऊॅं नम: शिवाय का जप भी कर सकते हैं।

अमावस्या पर स्नान का है खास महत्व, इन्हें भी अपनाएं

अगर आप इस पावन पर्व पर नदी में स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं तो घर पर भी कुछ प्रयोग कर सकते हैं। पंडितों का मानना है कि मां गंगा, मां नर्मदा और मां क्षिप्रा नदी का जल मिलाकर और तीर्थों का ध्यान करते हुए अगर आप स्नान करें तो अक्षय पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही आप सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। शास्त्रों की मान्यता है कि ऐसा करने से भी तीर्थ और नदी स्नान के बराबर फल मिल सकता है।


दान से मिलता है पुण्य

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवती अमावस्या पर दान-पुण्य करने से और नदी में स्नान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इसी के साथ आपके जीवन से नकारात्मकता भी दूर होती है।

सोमवती अमावस्या पर इन उपायों से होगा लाभ

आज साल की पहली सोमवती अमावस्या है ऐसे में जो लोग नवग्रहों के दुष्प्रभाव के कारण परेशानी झेल रहे हैं वह रात में शिवलिंग का अभिषेक करें। ग्रह दोष समाप्त होते हैं। महिलाओं को सुहाग की सामग्री बांटें इससे पति की आयु लंबी होती है।

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