खुशखबरी : अब यूपी में ठेकेदार का भुगतान समय से होगा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर जिला पंचायतों के अन्तर्गत हॉटमिक्स पद्धति से 195.07 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 537.82 कि0मी0 लम्बे 509 ग्रामीण मार्गाें तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पी0एम0जी0एस0वाई0) के अन्तर्गत 155 करोड़ रुपये की लागत से 1930 कि0मी0 लम्बे 692 ग्रामीण मार्गाें के नवीनीकरण कार्य का लोकार्पण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। उन्होंने जिला पंचायतों द्वारा 33.75 करोड़ रुपये की लागत से 48.62 कि0मी0 लम्बे 14 ग्रामीण मार्गाें के एफ0डी0आर0 तकनीक से निर्माण कार्य तथा पी0एम0जी0एस0वाई0 की 4130.27 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किये जाने वाले 6208.45 कि0मी0 लम्बे 886 ग्रामीण मार्गाें के निर्माण कार्य का शुभारम्भ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के त्वरित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। अच्छी सड़कें एवं अवस्थापना सुविधाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विस्तार और विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक है। सरकार की मंशा है कि विकास का पूरा लाभ ग्रामीण जनता को मिले। ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को आवागमन के लिए अच्छी सड़कें उपलब्ध हों, ताकि वे इसका लाभ उठाते हुए अपना आर्थिक उन्नयन कर सकें और गांवों में खुशहाली आ सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की गयी थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है। उन्हांेने कहा कि पी0एम0जी0एस0वाई0 के तहत ग्रामीण सड़कों का विकास तेजी से किया जा रहा है। यह सड़कें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का कार्य करेंगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए अच्छी सड़कें आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि हॉटमिक्स प्लाण्ट से निर्मित सड़कें लम्बे समय तक टिकाऊ बनी रहती हैं। इसलिए ग्रामीण सड़कों के निर्माण में फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफ0डी0आर0) पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है। जनपद जौनपुर और आजमगढ़ में इस पद्धति के आधार पर पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः उन्हें गांवों के विकास के सम्बन्ध में अपने दायित्वों का निर्वाह भलीभांति करना चाहिए, ताकि ग्रामीण जनता को विकास का पूरा लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग तथा पंचायती राज विभाग द्वारा निर्मित करायी जा रही सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही, इन्हें समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समय सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा हो, उस समय इनकी गुणवत्ता अवश्य परखी जाए, ताकि अच्छी और मजबूत सड़क बनकर तैयार हो, जो लम्बे समय तक लोगों को अच्छी सेवा दे सके। ठेकेदार के कार्याें की निरन्तर मॉनिटरिंग की जाए। कार्य पूर्ण होने के उपरान्त ठेकेदार का भुगतान समय से कर दिया जाए। इसे अनावश्यक लम्बित न रखा जाए। सम्बन्धित सड़क निर्माणकर्ता ठेकेदार द्वारा अगले 05 वर्ष तक सड़क के रख-रखाव की जिम्मेदारी होती है। अतः सड़क की टूट-फूट की मरम्मत तथा आवश्यक रख-रखाव ठेकेदार द्वारा सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम, क्षेत्र तथा जिला पंचायतों में अपने गांव, विकास खण्ड, जनपद के चतुर्मुखी विकास के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। ग्राम पंचायतें यह प्रयास करें कि उनका गांव कैसे स्मार्ट गांव बन सकता है। इसी प्रकार क्षेत्र व जिला पंचायतें अपने-अपने क्षेत्रों को कैसे स्मार्ट क्षेत्र/जनपद बना सकती हैं, इसका प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में अच्छे विकास कार्याें के लिए ग्राम व क्षेत्र पंचायतों को पुरस्कृत किये जाने की व्यवस्था पर विचार किया जाए। इसी प्रकार राज्य स्तर पर जिला पंचायतों को पुरस्कृत करने पर भी विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के गांवों में बेहतर अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही उत्तर प्रदेश ग्रामीण मातृभूमि योजना की शुरुआत की जाएगी। उन्हांेने कहा कि इस योजना का उद्देश्य गांवों का बेहतर विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने अपेक्षा की कि सभी ग्राम पंचायतें अपना-अपना विकास मॉडल तैयार कर उसे लागू करेंगी। उन्होंने इसमंे आत्मनिर्भरता पर विशेष फोकस करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सीवर का विकास, ग्रामीण दुग्ध संग्रह केन्द्रों का निर्माण, सोलर स्ट्रीट लाइट, यात्री शेड, पशु केन्द्र, फायर स्टेशन, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्टेडियम, ओपन जिम इत्यादि का समावेश करते हुए इनका बेहतर विकास किया जा सकता है और लोगों को इन सुविधाओं से जोड़ा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम, क्षेत्र तथा जिला पंचायतों को स्वावलम्बी बनने के लिए भी प्रयास करने चाहिए, ताकि वे अपने खर्चे स्वयं वहन कर सकें। उन्होंने कहा कि जनमानस के उपयोग के लिए निर्मित की गयी सम्पत्तियांे पर अवैध कब्जे कतई न होने पाएं। उन्होंने जनता के उपयोग के लिए निर्मित की जाने वाली सम्पत्तियों में जन सहभागिता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े जनपद जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष, बाराबंकी तथा रायबरेली के ग्रामीणों तथा जनप्रतिनिधियों से संवाद किया। उन्होंने इन जनपदों के ग्रामीणों से उनके क्षेत्र में निर्मित होने वाली सड़कों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम को ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’, पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी, पंचायती राज राज्यमंत्री उपेन्द्र तिवारी तथा ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।