इस आपदा के समय में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार सभी के साथ: मुख्यमंत्री

इस आपदा के समय में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार सभी के साथ: मुख्यमंत्री

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर भ्रमण के दौरान खजनी में बाढ़ राहत सामग्री का वितरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस आपदा के समय में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार सभी के साथ है। पीड़ित परिवारों के प्रति पूरी संवेदना के साथ राहत कार्यों की समीक्षा की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा पूरी तत्परता के साथ राहत व बचाव कार्य किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन को नाव व स्टीमर की व्यवस्था करने तथा एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 एवं पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट्स के माध्यम से राहत व बचाव करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जनहानि एवं पशुहानि की रक्षा करनी है। हर पीड़ित परिवार तक प्रत्येक गांव में अगले 3-4 दिनों में राहत सामग्री पहुंचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कल 05 सितम्बर से संचालित विशेष स्वच्छता अभियान के तहत हर क्षेत्र में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, छिड़काव, फॉगिंग करायी जाए, जिससे लोगों को मलेरिया, इंसेफलाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाया जा सके। यह विशेष अभियान एक सप्ताह तक संचालित किया जाएगा, जिसमें सभी जनप्रतिनिधिगण व अधिकारीगण जनता के साथ मिलकर बाढ़ के बाद होने वाली संक्रामक बीमारियों की रोकथाम करने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पशुओं के चारे की व्यवस्था के लिए प्रशासन को निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि सर्पदंश के उपचार के लिए से एण्टी स्नेक वेनम इंजेक्शन एवं जानवरों के काटने से उपचार के लिए एण्टी रैबीज वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर पीड़ित परिवार को राहत उपलब्ध करायी जाए। किसी का मकान क्षतिग्रस्त होता है, तो पीड़ित परिवार को 95 हजार रुपए की सहायता तत्काल उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि नदी की धारा में पक्का मकान बह जाता है, तो उस पीड़ित परिवार को जमीन के पट्टे के साथ-साथ तत्काल मुख्यमंत्री आवास योजना के माध्यम से आवास उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी किसान या बटाईदार की आपदा से दुःखद मृत्यु की स्थिति में पीड़ित परिवार को अनुमन्य आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने प्रशासन अभी से फसलों का सर्वे कर लें कि किसानों की कितनी फसल क्षतिग्रस्त हुई है, ताकि उनकी फसल के नुकसान की मुआवजा राशि समय से उनके खाते में उपलब्ध करायी जा सके।

इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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