कोरोना काल में भारत की परम्परागत चिकित्सा को मिली नई पहचान: मुख्यमंत्री योगी
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां कहा कि कोरोना काल में विश्व का कोई देश ऐसा नहीं होगा, जिसने कोविड-19 के विरुद्ध लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति का अनुसरण न किया हो। उन्होंने कहा कि भारत में हल्दी घर-घर में प्राचीन काल से प्रयोग होते रहे हैं, लेकिन आज दुनिया के अंदर हल्दी का पानी पीने के लिए लोग लाइन में खड़े नजर आते हैं।
मुख्यमंत्री योगी गोरखपुर में आज आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। अपने संबोधन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर प्रशंसा की और कहा कि उनके प्रयास से भारत की परम्परागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान मिली। इस पद्धति का लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है।
योगी ने कहा कि भारतीय परंपरा में अन्तर्निहित चिकित्सा पद्धतियों को व्यावहारिक स्वरूप प्रदान करने व उसके माध्यम से प्रत्येक नागरिक को आरोग्य प्रदान करने के लिए आयुष मंत्रालय का गठन कर जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसी का अनुसरण करते हुए यूपी सरकार ने भी आयुष मंत्रालय का गठन किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में ‘महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय’ की स्थापना, आयुष के क्षेत्र में विकास का एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
उन्होंने कहा कि योग की जितनी भी विशिष्ट विधाएं हैं, चाहे हठयोग, राजयोग या मंत्रयोग हो, योग की इन सभी अलग-अलग व्यावहारिक स्वरूपों के जनक महायोगी गुरु गोरखनाथ जी ही माने जाते हैं। आयुर्वेद में जो ‘रस शास्त्र’ और धातु सिद्धांत में ‘इमरजेंसी मेडिसिन’ है उसके जनक भी गुरु गोरखनाथ जी ही माने जाते हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मेडिकल काॅलेज का सत्र नियमित नहीं होता था। 2019 में अटल यूनिवर्सिटी की स्थापना 2019 में हुई। टेक्निकल यूनिवर्सिटी से प्रौद्योगिकी महाविद्यालयों को एक सूत्र में जोड़ने के लिए काम हो रहा है। इसके साथ ही आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया। आज गुरु गोरखनाथ आयुष विश्विद्यालय का शिलान्यास हुआ है। प्रदेश में 94 आयुष महाविद्यालय हैं। यहां स्नातक स्तर पर 7500 पर सीटें हैं। अब इन महाविद्यालयों का शैक्षिक सत्र नियमित होगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में परंपरागत चिकित्सा को एक मंच दिया जा रहा है। सीएम योगी ने कहा कि ग्रामीण इलाके में यहां विकास कोसों दूर था। आयुष विवि की की स्थापना बताती है कि हर वर्ग विकास से जुड़ रहा है।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री योगी ने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास के लिए पधारे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व देश की प्रथम महिला सविता कोविंद तथा राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल का स्वागत व अभिनंदन किया।
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के करीब 200 देशों को योग के इस महान परम्परा को यूएनओ के मंच पर ले जाकर जो कार्य किया, उसका परिणाम है कि परंपरागत चिकित्सा पद्धति आज तेजी के साथ आगे बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले राज्य सरकार के सभी मेडिकल कॉलेज अलग-अलग विश्वविद्यालय से जुड़े थे। यूपी सरकार ने 2019 में अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। आज वह प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज को विश्वविद्यालय से संबद्धता प्रदान करते हुए एकरूपता से मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में अनवरत आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के ठेठ ग्रामीण क्षेत्र विकास से कोसों दूर था। आज पिछले सात वर्षों के दौरान लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ और विकास उनके घर तक, उनके द्वार तक पहुंचा है। अब आयुष विश्वविद्यालय का उनके द्वार तक पहुंचने का मतलब उन्हें विकास से सीधे जोड़ने का एक प्रयास है। कहा कि प्रदेश के आयुष विधा के सभी 94 कॉलेज इस विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जायेगा।
इसके पूर्व देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय का वैदिक मंत्रोच्चार व विधि-विधान से भूमि पूजन कर शिलान्यास किया।