अब आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चे करेंगे डिजिटल पढ़ाई
लखनऊ। अब प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चे डिजिटल ढंग से पढ़ाई करेंगे। उनकी देखभाल भी सिस्टमेटिक डिजिटल ही होगी। पूरा डाटा फीड किया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों की प्रगति रिपोर्ट के हिसाब से एक-एक बच्चे पर ध्यान दिया जाएगा। उस हिसाब से उसके स्वास्थ्य व शिक्षा पर जोर देकर उसको भारत का चमकता भविष्य बनाने का प्रयास किया जाएगा।
इसकी तैयारी प्रदेश सरकार ने कर ली है। इसके लिए महिला कल्याण एवं बाल विकास सेवा पुष्टाहार विभाग मंत्रालय ने लखनऊ व वाराणसी के तीन-तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को पायलट प्रोजक्ट के लिए हैसेलफ्रे फाउंडेशन को चयनित किया है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही यह योजना पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी। यह आरम्भिक शिशु देखभाल एवं डिजिटल लर्निंग प्रोग्राम आंगनवाड़ी द्वारा कराए गए बच्चों की गतिविधियों पर नज़र रखते हुए परिणामों को दर्शाएगा। उस हिसाब से बच्चों को प्रोत्साहित व अच्छी शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। शनिवार को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह इसकी शुरुआत लखनऊ से करेंगी।
इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को दैनिक नित्य क्रिया के बारे में जागरूक एवं प्रोत्साहित करना, बच्चों को सुलभ खान-पान तथा साफ-सुथरा रहने हेतु प्रेरित करना, बच्चों का स्वस्थ परीक्षण संबंधी जानकारी लेना (जैसे- टीकाकरण , लम्बाई, वजन, याददाश्त, मानसिक और संवेदनात्मक विकास, दृष्टि इत्यादि) एवं उनके माता-पिता और सम्बंधित अधिकारियों को उपलध करना, बच्चों को डिजिटल माध्यम से हिंदी , इंग्लिश, गणित , विज्ञान , सामाजिक विषय और कंप्यूटर आदि की रोचक तरीके से शिक्षा प्रदान करना है।
हैसेलफ़्रे फाउंडेशन एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट है जो वर्ष 2011 से बच्चों के विकास हेतु विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से भारत के कई राज्यों में काम कर रहा है, संस्था द्वारा विगत वर्षों में 19 राज्यों में लगभग 9100 स्कूलों में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचालित परियोजना को चलाया जा चुका है। इस परियोजना का उद्देश्य बच्चों को तकनीकी में हो रहे नवाचारों जैसे -आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, ब्लॉक चेन आदि के बारे में उपयोगी जानकारी देना था।
वर्तमान में संस्था को महिला कल्याण एवं बालविकास सेवा पुष्टाहार विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के 2 जिलों (वाराणसी तथा लखनऊ ) के चयनित 3 -3 आंगनवाणी केन्द्रों में बच्चों के लिए बाल विकास ( आरम्भिक शिशु देखभाल एवं डिजिटल लर्निंग ) परियोजना को पायलट के रूप चलाने हेतु अनुमति प्रदान की गयी है। संस्था का लक्ष्य है क़ि यदि ग्रामीण व शहरी बच्चों को आरम्भिक काल से ही उनके स्वास्थ्य की समुचित देखभाल की जाए, उन्हें बेहतर शिक्षा दी जाण् तो उनका भविष्य उज्ज्वल व खुशहाल बनाया जा सकता है।