बदलाव: साढ़े चार साल में योगी सरकार ने बनाया यूपी की बालिकाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग
- उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर की बालिकाएं बनीं अधिक सशक्त
- नेतृत्व क्षमता में अग्रणी एवं अभिव्यक्ति में सक्षम 45,590 बालिकाएं बनीं ‘पावर एंजिल’
- 34,35,110 बालिकाओं को हमारे संवैधानिक अधिकार पर आधारित बुकलेट वितरित की गई
लखनऊ। नारी शक्ति की सुरक्षा, सम्मान, स्वावलंबन और सर्वांगीण उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने प्रदेश की बालिकाओं को शिक्षा के साथ उनके संवैधनिक अधिकारों के प्रति भी सजग बनाने का बड़ा काम किया है। साढ़े 04 वर्ष के कार्यकाल में सरकार ने उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर पर बालिकाओं को और अधिक सशक्त बनाया है। अब प्रदेश की बालिकाएं अपने अधिकारों को पहचान रही हैं और उनके लिए संचालित विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं का पूरा लाभ ले रही हैं।
वर्तमान सरकार में पहली बार नेतृत्व क्षमता में अग्रणी और अभिव्यक्ति में सक्षम 35, 590 बलिकाओं को ‘पॉवर एंजिल’ के रूप में चयनित किया गया। आत्मरक्षा के गुण सिखाने के साथ उनको मौलिक अधिकारों की भी जानकारी दी गई। इतना ही नहीं पॉवर एंजिल के माध्यम से 3435110 बालिकाओं को ‘हमारे संवैधानिक अधिकार’ पर आधारित बुकलेट भी वितरण करने का बड़ा काम किया गया। बालिकाओं को चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098, महिला हेल्प लाइन नम्बर 1090, किसी प्रकार का उत्पीड़न होने पर पुलिस हेल्प लाइन नम्बर 112 और घर पर किसी प्रकार की पुलिस सहायता के लिये हेल्प लाइन नम्बर 181 की जानकारी दी गई। बालिका दिवस के अवसर पर 165772 बालिकाओं को यौन उत्पीड़न, आत्मरक्षा के तरीके, हमारे मौलिक अधिकार, पॉक्सो एक्ट, बाल विवाह निषेध अधिनियम, घरेलू हिंसा आदि विषयों पर ऑन लाइन पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गईं।
प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बालिकाओं को विद्यालय और समुदाय स्तर पर आने वाली बाधाओं को चिन्हित कराने का कार्य शुरू हुआ। इसका असर हुआ कि घर से विद्यालय जाने और वापस आने के रास्ते में, विद्यालय के अंदर, कक्षा कक्ष के अंदर सुरक्षित माहौल स्थापित हुआ। शिक्षकों की मनोवृत्तियों, विश्वास, परिवार और समुदाय में आने वाली समस्याओं के समाधान की भी कार्ययोजना विकसित की गई। इस दिशा में समस्त जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी जारी किये गये। राज्य सड़क परिवहन निगम से समन्वय स्थापित करते हुए 1450 बसों के माध्यम से प्रदेश के दूरस्थ अंचलों तक बालिका शिक्षा के लिये प्रचार-प्रसार भी किया गया।