स्मॉल कैप शेयरों के लिए बीएसई ने लागू की नई निगरानी प्रणाली
नई दिल्ली । बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने 1000 करोड़ रुपये से कम मार्केट कैप वाले स्टॉक्स की कीमत में जोरदार उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए नई निगरानी प्रणाली (प्राइस बैंड रूल) की शुरुआत की है। इस निगरानी प्रणाली को ऐड-ऑन प्राइस बैंड फ्रेमवर्क का नाम दिया गया है। ये निगरानी प्रणाली 23 अगस्त से अमल में आ जाएगी।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने आज जारी अपने सर्कुलर में इस निगरानी प्रणाली के बारे में जानकारी दी है। ऐड-ऑन प्राइस बैंड फ्रेमवर्क नाम की ये निगरानी प्रणाली उन कंपनियों पर लागू होगी, जिनका मार्केट कैप 1000 करोड़ रुपये से कम है और जो कंपनियां एक्स, एक्स-टी, जेड, जेड-पी, जेड-वाई और वाई ग्रुप में आती हैं। शुरुआती चरण में इस फ्रेमवर्क के दायरे में 31 स्टॉक्स को रखा गया है। इन कंपनियों में गारवेयर सिंथेटिक्स लिमिटेड, आशियाना एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सरस्वती कॉमर्शियल इंडिया लिमिटेड, सार्थक इंडस्ट्रीज लिमिटेड, श्री बजरंग एलायंस लिमिटेड, पैन इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड, जेके इंटरप्राइजेज लिमिटेड और कॉस्मो फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के नाम भी शामिल हैं।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के आज आए सर्कुलर में बताया गया है कि इस फ्रेमवर्क में वही स्मॉलकैप कंपनियां शामिल की जाएंगी, जिनका मार्केट कैप 1000 करोड़ रुपये से कम तो होगा ही, जिनके शेयर की कीमत भी रिव्यू डेट के दिन 10 रुपये से ज्यादा होगी। इस फ्रेमवर्क के तहत शॉर्टलिस्ट किए गए शेयरों पर साप्ताहिक, मासिक और त्रैमासिक आधार पर प्राइस लिमिट लागू किया जाएगा। इसके साथ ही इन पर डेली प्राइस बैंड के अलावा एक्स्ट्रा प्राइस लिमिट भी लागू की जाएगी।
शॉर्टलिस्ट किए गए शेयरों का हर तीस कारोबारी दिन के अंतराल पर रिव्यू किया जाएगा। ऐड-ऑन प्राइस बैंड फ्रेमवर्क के नाम वाली ये निगरानी प्रणाली शॉर्टलिस्ट किए गए सभी एक्टिव स्टॉक्स पर 23 अगस्त से लागू हो जाएगी। इस संबंध में बीएसई की ओर से ये भी स्पष्ट किया गया है कि निगरानी प्रणाली का ये नियम उन्हीं शेयरों पर लागू होगा, जो बीएससी में लिस्टेड हैं।