ब्रिटिश कोर्ट ने तीन भारतीय मूल के लोगों को सुनाई 15 साल की सजा

व्यूरो : हाल ही में ब्रिटिश कोर्ट ने एक आपराधिक गिरोह के तीन भारतीय मूल के सदस्यों को ड्रग्स की तस्करी मामले में 15 साल की सजा सुनाई है। ये तीनों ही संगठित आपराध संमूह के सदस्य थे, जो यूके से कनाडा मादक पदार्थो की तस्करी कर रहे थे। फरवरी में हीथ्रो हवाई अड्डे पर यूके बॉर्डर फोर्स के अधिकारियों ने कैनाबीस के बड़े बक्से के साथ उन्हें पकड़ा था।

गिरोह के तीन भारतीय मूल सदस्यों की पहचान 32 वर्षीय करन गिल, जुग सिंह और 30 वर्षीय गोविंद बहिया के तौर पर की गई है। ये तीनों अपने 32 वर्षीय साथी ग्रेगरी ब्लैकलॉक के साथ पकड़े गए थे। कनाडा से लाई गई मादक पदार्थों की कीमत करीबन एक मिलियन पाउंड थी, जिसे एक केंट, दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के डार्टफोर्ड में भेजना था।

अधिकारियों ने साल 2021 में करन गिल के घर से 105,000 पाउंड कैश जब्त किया था। उन्हें क्लास-बी नियंत्रित दवा आयात करने, कोकेन की आपूर्ति करने की साजिश रचने और आपराधिक संपत्ति रखने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद सात साल की सजा सुनाई गई।

क्लास-बी नियंत्रित दवाओं के आयात करने के मामले में जग सिंह को चार साल नौ महीने की सजा सुनाई गई। कैनेबीज के प्रकार और उसकी मात्रा की जानकारी करन गिल को गोविंद बहिया के हवाले से मिलता था। उन्हें क्लास-बी नियंत्रित दवाओं के आयात में दोषी पाए जाने के बाद तीन साल की सजा दी गई है।

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