डिजिटली सशक्त होंगे नगरीय निकाय

लखनऊ, 10 अप्रैल: योगी सरकार स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन (एसयूडीएम-यूपी) के तहत निकायों की ऑनलाइन सुविधा के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और जी2जी सेवाओं का विकास संग नगरीय निकायों के राजस्व स्रोतों में बढ़ावा देगी। इस पर मोहर लगा दी गई है। मालूम हो कि योगी सरकार ने पहले ही शहरी जनमानस को निकायों की बेहतर ऑनलाइन सुविधाएं देने के लिए स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन (एसयूडीएम-यूपी) की स्थापना को हरी झंडी दी थी। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसके लिए मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओए) नियमावली और सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अधीन पंजीकरण कराने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इस पर तेजी से कार्य किया जा रहा है और जल्द ही यह प्रदेश के नागरिकों और सरकार की सेवाओं के बीच लिंकिंग चेन जैसे काम करेगा। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप ई गवर्नेंस को प्राथमिकता दे रही है। यह कदम उसी दिशा में अहम कड़ी है।

सेवाओं में आएगी पारदर्शिता
कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया था कि इससे लोगों को ऑनलाइन की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। गृहकर, जलकर जमा करने के साथ ही जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र घर बैठे प्राप्त करने की सुविधा और बेहतर हो जाएगी। ईज ऑफ लिविंग सुविधाएं इससे और बेहतर होंगी। अमृत-2 के रिफार्म एजेंडा के तहत ऑनलाइन म्युनिसिपल सेवा प्रणाली को विकसित किया जाना है। स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन, उत्तर प्रदेश (एसयूडीएमयूपी) का क्रियान्वयन प्रथम चरण में प्रदेश के 17 नगर निगमों, जनपद मुख्यालय की नगर पालिका परिषदों/ नगर पंचायतों में किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश की समस्त निकायों में रोल-आउट करते हुए किया जाएगा। इस कार्य के लिये आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं जनशक्ति की व्यवस्था भारत सरकार से इस सम्बन्ध में प्राप्त धनराशि से की जाएगी। एसयूडीएम-यूपी प्रदेश में नागरिकों को ऑनलाइन म्युनिसिपल सेवाएं उपलब्ध कराने, आवश्यक अनापत्तियां निर्गत कराने तथा इसके लिए डिजिटल तकनीक का प्रयोग करते हुए कार्यों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से नगर विकास विभाग के तहत नगरीय स्थानीय निकायों में समुचित, सक्षम, उपयुक्त प्रभावी एवं नागरिक केन्द्रित सुविधाएं प्रदान कर प्रदेश को डिजिटली सशक्त बनाने का कार्य करेगा।

राज्य सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई अतिरिक्त वित्तीय भार
ईज ऑफ लिविंग के तहत आईटीआईटीईएस एवं अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों का उपयोग करते हुए नागरिक केन्द्रित सेवाओं का सुदृढ़ीकरण, उपलब्धता एवं उनका प्रभावी क्रियान्वयन कराना एसयूडीएम-यूपी के उद्देश्यों में शामिल है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देते हुए निर्धारित समय के तहत आवश्यक अनापत्तियां निर्गत कराना, जी-2-जी सेवाओं का विकास, प्रबन्धन व संचालन, नगरीय निकायों के राजस्व स्रोतों में वृद्धि कराना भी इसके उद्देश्यों में सम्मिलित है। एसयूडीएम-यूपी को क्रियान्वित एवं संचालित करने के लिए राज्य सरकार से किसी भी प्रकार की अतिरिक्त वित्तीय सहायता की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रकार एसयूडीएम-यूपी के सम्बन्ध में राज्य सरकार पर किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा। प्रदेश के निकायों में नियोजन (प्लैनिंग), प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) एवं अभिनव प्रयोगों (इनोवेशन्स) / नवाचारों के रेप्लिकेशन (रेप्लिकेशन ऑफ इनोवेशन) तथा आदान-प्रदान (शेयरिंग, को-लर्निंग, क्रॉस-लर्निंग) किया जाएगा।

नगरीय निकायों की आय में होगी वृद्धि
अन्य प्रदेशों में किये गये नये एवं अभिनव प्रयोगों के विषय में जानकारी प्राप्त कर उनका लाभ निकायों को प्रदान कराने का कार्य भी मिशन द्वारा किया जाना है। एसयूडीएम-यूपी के तहत आवश्यक तकनीकी सेवाएं प्रदेश के साथ निकायों में प्रचलित विभिन्न मिशन्स, योजनाओं की सेवाओं, सुविधाओं के साथ इण्टीग्रेट किया जायेगा। नगरीय स्थानीय निकायों में डिजिटल तकनीक का प्रयोग सुनिश्चित करने एवं उसके माध्यम से प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के अनुश्रवण के फलस्वरूप उसके सापेक्ष होने वाली आय से नगरीय निकायों की आय में वृद्धि की सम्भावना है। इसका उद्​देश्य ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस एवं अन्य आवश्यक जी-2-जी सर्विसेज का विकास, प्रबन्धन एवं संचालन सुनिश्चित कराना डिजिटल तकनीकों के माध्यम से धन एवं समय की बचत सुनिश्चित करना है।

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