होली से पहले घरेलू गैस सिलेंडर 50 रुपए और कॉमर्शियल 350.50 महंगा

लखनऊ। प्रदेशवासियों पर होली से पहले महंगाई की एक और मार पड़ी है। आमजन को घरेलू और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर को लेकर अब पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। मार्च के पहले ही दिन घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपए, जबकि कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम 350.50 बढ़ाए गए हैं। ये दरें बुधवार से ही लागू हो गई है। अब घरेलू गैस सिलेंडर 1106.50 रुपए, जबकि कॉमर्शियल सिलेंडर अब 2138 का मिलेगा। घरेलू गैस सिलेंडर के दाम आठ महीने बाद बढ़ाए गए हैं। इससे पहले एक जुलाई 2022 को घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में इजाफा हुआ था। इसके बाद कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए थे। अब एक साथ बढ़ाए गए 50 रुपए लोगों की जेब पर भारी पड़ने वाले हैं। होली से पहले आम आदमी के लिए ये कीमतों में इजाफा महंगा सौदा साबित हो सकता है।

लोकसभा हो या विधानसभा दोनों ही सदनों में महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरा। उम्मीद थी कि आम जनता को महंगाई से राहत देंगे। राहत तो नहीं मिली, लेकिन मार्च के पहले ही दिन एक बड़ा झटका लगा है। ये झटका घरेलू और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के बढ़े हुए दामों के रूप में लगा है। प्रदेश में 1.75 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं को ये बड़ा झटका लगा है। इसके तहत घरेलू गैस सिलेंडर 50 रुपए और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर 350 रुपए महंगा हुआ है। ये दरें भी आज से ही लागू हो जाएंगी। ऐसे में अब यदि आपके घर गैस सिलेंडर वितरक पहुंच रहा है, तो उन्हें अब 1106.50 देने होंगे। होटल- रेस्टोरेंट और दूसरे कॉमर्शियल संस्थानों को सिलेंडर 2138 का मिलेगा।

रसोई गैस पर 5 फ़ीसदी जीएसटी वसूला जाता है, जिसमें 2.5 फीसदी केंद्र और इतना ही राज्य के खाते में जमा होता है। यानी प्रति सिलेंडर 19.20 रुपए केंद्र और राज्य के खाते में जमा होते हैं। इसी तरह कॉमर्शियल गैस पर 18 फ़ीसदी जीएसटी लिया जाता है, जिसमें 9 फीसदी केंद्र और 9 फीसदी राज्य के खाते में जमा होता है। यानी दोनों सरकारों को 124.70 रुपए प्रति सिलेंडर मिलते हैं। घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 8 महीने बाद बढ़ाए गए हैं। इससे पहले एक जुलाई 2022 को घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में इजाफा हुआ था। इसके बाद कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए थे। अब एक साथ बढ़ाए गए 50 रुपए लोगों की जेब पर भारी पड़ने वाले हैं। होली से पहले आम आदमी के लिए ये कीमतों में इजाफा महंगा सौदा साबित हो सकता है।

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