योगी सरकार के बजट में शिक्षा का मान, आस्था का सम्मान और महापुरुषों पर अभिमान
- योगी सरकार के बजट में शिक्षा का मान, आस्था का सम्मान और महापुरुषों पर अभिमान
- मां विंध्यवासिनी, मां पाटेश्वरी और महात्मा बुद्ध के नाम पर शिक्षा का मंदिर बनाएगी योगी सरकार
- योगी सरकार ने दिखलाया, सियासी परिवारों से नहीं-महापुरुषों के नाम पर बनी योजनाएं भावी पीढ़ी को करेंगी समृद्ध
- 4 में से 3 विश्वविद्यालय अध्यात्म व संस्कृति के नाम पर, युवाओं के चरित्र व व्यक्तित्व निर्माण में साबित होंगे मील का पत्थर
लखनऊ, 23 फरवरी। योगीराज में सियासी परिवारों से नहीं, बल्कि आस्था के प्रतीकों व महापुरुषों से युवाओं का व्यक्तित्व निर्माण हो रहा है। इस बात का ख्याल योगी सरकार के 2023-24 बजट में भी रखा गया। भावी पीढ़ी में देश के प्रति सम्मान का भाव जागृत करने को संकल्पित योगी सरकार और उसके वित्तमंत्री सुरेश खन्ना जैसे-जैसे बजट पढ़ते गए, यकीनन शिक्षा के मंदिरों के नाम सुनकर अपने विरासत का सम्मान दिखता गया। जब मां विंध्यवासिनी, मां पाटेश्वरी और महात्मा बुद्ध के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा हुई तो यूपी का समूचा 25 करोड़ जनमानस गौरव की अनुभूति करने लगा। वहीं योगी सरकार ने यह भी दिखला दिया कि अब परिवार नहीं, बल्कि महापुरुषों के कृतित्व व व्यक्तित्व के जरिए भावी पीढ़ी ‘उड़ान’ भरेगी।
4 में से 3 विश्वविद्यालय का नाम ‘अपनी संस्कृति’ पर
बजट 2023-24 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने 4 विश्वविद्यालयों की घोषणा की। इनमें से 3 का नाम अपने अध्यात्म व संस्कृति से जुड़ा है। मां विंध्यवासिनी के नाम पर राज्य विश्वविद्यालय की घोषणा की। मीरजापुर मंडल में राज्य विश्वविद्यालय की घोषणा से स्थानीय लोगों और युवाओं में यह आस जगी कि अब उच्च शिक्षा का केंद्र उनके अपने मंडल में होगा। इसके लिए युवा घर से बाहर नहीं जाएंगे। विश्वविद्यालय का नाम मां विंध्यवासिनी के नाम पर रखने से सरकार ने यह बता दिया कि युवा पीढ़ी को अपने आध्यात्मिक गौरव की अनुभूति कराएंगे। वहीं विंध्यधाम स्थित विंध्यवासिनी मंदिर (विंध्य कॉरिडोर), मां अष्टभुजी मंदिर व काली खोह के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण की कार्यवाही चल रही है। वहीं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने देवीपाटन मंडल में भी मां पाटेश्वरी देवी के नाम पर राज्य विश्वविद्यालय खोले जाने की घोषणा की। यह विश्वविद्यालय जब बन जाएगा तो युवाओं के लिए उज्ज्वल भविष्य का मार्ग तो प्रशस्त करेगा ही, साथ ही शिक्षा का मंदिर अपने आराध्य के नाम पर होने से आस्था का सम्मान भी होगा। योगी सरकार ने दोनों विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए 50-50 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
परिवार नहीं, महात्मा बुद्ध के नाम पर विश्वविद्यालय
सर्वविदित है कि पहले की सरकारें परिवारों के नाम पर ही योजनाएं शुरू करती थीं, लेकिन योगी सरकार ने ऐसा नहीं किया। योगी आदित्यनाथ स्वयं गोरक्षपीठाधीश्वर हैं। अध्यात्म से समृद्ध यूपी को उसका गौरव पुनः लौटाना चाहते हैं। कुशीनगर में योगी सरकार ने कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की। इसका नाम महात्मा बुद्ध के नाम पर रखा गया। इसके लिए भी 50 करो़ड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। योगी सरकार ने परिवार व जाति की राजनीति करने वालों को बता दिया कि सिर्फ और सिर्फ महापुरुषों की गौरवगाथा से ही भावी पीढ़ी सीखेगी। योगी सरकार का यह कदम युवाओं के चरित्र व व्यक्तित्व निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा।
हमने आपके सोचने के तरीके बदले हैं….
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट के दौरान एक शेर पढ़ा…
हमने तो समंदर के रुख बदले हैं, मोदी-योगी ने सोचने के सलीके बदले हैं।
आप कहते थे कुछ नहीं होगा, हमने आपके भी सोचने के तरीके बदले हैं।।
यह शेर विपक्ष को आइना दिखा रहा था कि हमने आपके सोचने के तरीके बदले हैं। योगी सरकार 1.0 और 2.0 में आस्था, महापुरुषों के मान और युवा पीढ़ी में देशभक्ति का सम्मान जगाने का भाव पैदा किया गया है। बजट में भी मां विंध्यवासिनी, मां पाटेश्वरी और महात्मा बुद्ध के नाम पर बनने वाले शिक्षा के मंदिर से ही युवा पीढ़ी बढ़ेगी। वहीं योगी सरकार ने प्रयागराज में पहले नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की भी सहमति दे दी थी, वह भी प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर ही होगी।