शुभमन गिल पर सबकी निगाहें, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय रणनीति की कड़ी परीक्षा
भारतीय टीम पांच मैचों की टी20 श्रृंखला के तीसरे मुकाबले में रविवार को धर्मशाला के मैदान पर दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगी।
इस मुकाबले में सबकी निगाहें सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल पर टिकी होंगी, जिन्होंने इस प्रारूप में खुद को साबित करने का मौका तलाशा है, लेकिन संजू सैमसन की जगह लेने के बाद अभी तक अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने में नाकाम रहे हैं।
गिल को श्रृंखला के बचे तीनों मैचों में एकादश में खेलने की संभावना लगभग तय है, लेकिन परिस्थितियां उनके पक्ष में नहीं हैं। टी20 विश्व कप अब सिर्फ छह सप्ताह दूर है, और यदि गिल इन मैचों में लय हासिल करने में विफल रहते हैं तो टीम प्रबंधन दूसरी योजना अपनाने पर विचार कर सकता है।
धर्मशाला में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहने की संभावना है, और बर्फ से ढकी धौलाधार पर्वतमाला की पृष्ठभूमि में खेला जाने वाला मुकाबला भारतीय ड्रेसिंग रूम में गर्म माहौल पैदा करेगा। कप्तान सूर्यकुमार यादव की लंबी अवधि से खराब लय पर सवाल उठ रहे हैं, जबकि उपकप्तान गिल अभी तक भरोसा बनाने में सफल नहीं हुए हैं।

टीम में संजू सैमसन जैसे स्थापित सलामी बल्लेबाज की जगह लेने वाले गिल, प्रभाव छोड़ने में संघर्ष करते दिख रहे हैं। वहीं, दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजों का आक्रमण—एनरिच नॉर्किया, मार्को यानसन, लुंगी एनगिडी, ओटनील बार्टमैन और लुथो सिपामला—ने पहले ही भारतीय परिस्थितियों का फायदा उठाने का तरीका दिखा दिया है। धर्मशाला की परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के अनुकूल रहने वाली हैं।
विश्व स्तर पर नजर डालें तो दक्षिण अफ्रीका इस बार उपमहाद्वीप में खिताब जीतने के लिए मजबूत और संतुलित टीम लग रही है। क्विंटन डिकॉक की वापसी, कप्तान एडन मार्कराम, डेवाल्ड ब्रेविस, डोनोवन फरेरा, डेविड मिलर और हरफनमौला मार्को यानसन के साथ उनकी बल्लेबाजी को बेहद खतरनाक बना रही है।
विश्व कप से पहले भारत के पास केवल आठ मैच बचे हैं। ऐसे में मुख्य कोच गौतम गंभीर के सामने महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं। खराब फॉर्म से जूझ रहे शीर्ष क्रम के दो बल्लेबाजों को एक साथ खिलाना टीम के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
कप्तान होने के नाते सूर्यकुमार यादव को खराब फॉर्म के बावजूद कुछ हद तक विश्व कप तक सुरक्षा मिल सकती है, लेकिन गिल के लिए यह छूट लगभग न के बराबर है। उन्हें एशिया कप तक पारी का नियमित विकल्प नहीं माना गया था, और टीम में उनकी वापसी एक ऐसे फैसले की तरह लग रही है, जिसमें संतुलन से समझौता किया गया।
गिल को अजित अगरकर की अध्यक्षता वाली चयन समिति के फैसले को सही साबित करने के लिए असाधारण प्रदर्शन करना होगा। इंग्लैंड के खिलाफ खराब श्रृंखला के बाद संजू सैमसन को बाहर करने का निर्णय अभी भी सवालों के घेरे में है।
टेस्ट और वनडे में कलात्मक खेल दिखा चुके गिल को टी20 में दोबारा अपनी लय पुख्ता करनी होगी। उन्हें बचे तीन मैचों में से कम से कम दो में बड़ी पारियां खेलनी होंगी, नहीं तो सैमसन की वापसी या यशस्वी जायसवाल को मौका मिल सकता है। सीरीज के दूसरे मैच में अक्षर पटेल को नंबर तीन पर खिलाने का निर्णय एक रणनीतिक चूक के रूप में देखा गया।
उम्मीद है कि तीसरे मैच में सूर्यकुमार यादव को फिर से नंबर तीन पर खेलाया जाएगा, जहां उन्होंने पहले सफलता हासिल की थी। इसके साथ ही, बल्लेबाजी क्रम में अत्यधिक फेरबदल के चलते शिवम दुबे को नंबर आठ पर भेजना भी एक कमजोर निर्णय था, जिसे सुधारने की जरूरत है।
गेंदबाजी में कुलदीप यादव दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को लगातार परेशान करते रहे हैं। भारतीय टीम प्रबंधन ऐसे खिलाड़ी चाहता है जो आठवें क्रम तक बल्लेबाजी कर सके, और अक्सर कलाई के इस खब्बू स्पिनर को नजरअंदाज किया जाता है।
धर्मशाला में भी उनकी टीम में वापसी मुश्किल लग रही है क्योंकि वरुण चक्रवर्ती के साथ खेलने से बल्लेबाजी संतुलन बिगड़ सकता है। अर्शदीप सिंह का प्रदर्शन इस श्रृंखला में खास नहीं रहा है।
फिर भी यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या टीम प्रबंधन जसप्रीत बुमराह के साथ नई गेंद और हार्दिक पांड्या को जिम्मेदारी सौंपते हुए, कुलदीप यादव के लिए जगह बना पाता है या नहीं।
भारत: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), अभिषेक शर्मा, शुभमन गिल, तिलक वर्मा, हार्दिक पंड्या, शिवम दुबे, जितेश शर्मा, अक्षर पटेल, वरुण चक्रवर्ती, अर्शदीप सिंह, जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव, वाशिंगटन सुंदर, हर्षित राणा, संजू सैमसन
दक्षिण अफ्रीका: एडेन मारक्रम (कप्तान), क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), ट्रिस्टन स्टब्स, डेवाल्ड ब्रेविस, डेविड मिलर, डोनोवन फरेरा, मार्को यानसन, केशव महाराज, लूथो सिपामला, एनरिक नोर्किया, लुंगी एनगिडी, जॉर्ज लिंडे, क्वेना मफाका, रीजा हेंड्रिक्स, कॉर्बिन बॉश, ओटनील बार्टमैन



