2-1 से स्पेन की जीत, भारतीय महिला टीम जूनियर विश्व कप में 10वें स्थान पर

भारतीय महिला हॉकी टीम को जूनियर हॉकी विश्व कप में स्पेन के खिलाफ कड़े मुकाबले में 2-1 से हार झेलनी पड़ी, साथ ही भारत टूर्नामेंट की सभी टीमों की समग्र सूची में 10वें स्थान पर रहा।

मैच में भारत से एकमात्र गोल कनिका सिवाच ने दागा, जबकि स्पेन से नतालिया विलानोवा और एस्थर कैनालेस ने निर्णायक गोल किए। हालांकि स्पेन ने जीत दर्ज की, लेकिन मैच की शुरुआत ने दिखा दिया था कि भारतीय खिलाड़ी मुकाबले में बिल्कुल भी पीछे नहीं थीं।

पहला क्वार्टर बेहद रोमांचक मोड़ पर खेला गया, जहां दोनों टीमों ने आक्रामक खेल दिखाया। कई शानदार प्रयासों के बावजूद कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी। 14वें मिनट में स्पेन को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे भारतीय गोलकीपर निधि ने बेहतरीन तरीके से रोककर टीम को शुरुआती झटका लगने से बचाया।

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दूसरे क्वार्टर में स्पेन ने रणनीति बदलते हुए आक्रामक रफ्तार पकड़ी। सारा कार्मोना रामोस ने सर्कल में शानदार ड्रिबलिंग करते हुए अंदर गेंद पहुंचाई, और नतालिया विलानोवा ने 16वें मिनट में मौका भुनाकर स्पेन को 1-0 की बढ़त दिलाई।

भारत को इसके बाद कुछ अवसर मिले, पर टीम उन मौकों को गोल में बदल नहीं सकी। 36वें मिनट में भारत की तरफ से सोनम ने बॉल को गोलपोस्ट में भेजकर स्कोर बराबर कर दिया था, लेकिन स्पेन ने तुरंत वीडियो रेफरल लिया।

रेफरी ने रीप्ले में बैक स्टिक देखा, और भारत का यह गोल रद्द कर दिया गया। उसी मिनट स्पेन ने पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किया, और एस्थर कैनालेस ने इसे गोल में बदलकर बढ़त 2-0 कर दी—यह गोल स्पेन की पकड़ को और मजबूत करता गया।

तीसरे क्वार्टर के 41वें मिनट में भारत ने लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए। इसी मौके पर कनिका सिवाच ने शानदार स्ट्राइक के साथ स्पेनिश गोलकीपर को छकाया और स्कोर 2-1 कर दिया, जिससे भारतीय खेमे में उम्मीद फिर से जाग उठी।

आखिरी क्वार्टर में पूरी भारतीय टीम ने तेजी और आक्रामकता बढ़ाते हुए बराबरी की कोशिश की। खिलाड़ियों ने मौके भी बनाए, लेकिन अंतिम समय तक स्पेन की रक्षा पंक्ति को भेदना आसान नहीं साबित हुआ। अंततः स्पेन ने मुकाबला 2-1 से जीतकर भारत को 10वें स्थान पर रोक दिया।

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